उप जिलाधिकारी डेरापुर, सिकंदरा को कारण बताओं नोटिस, भोगनीपुर, रसूलाबाद तथा अकबरपुर को कठोर चेतावनी जारी
जनपद में पराली जलाने की बढ़ रही घटनाओं से नाखुश जिलाधिकारी आलोक सिंह द्वारा जनपद के अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए अंतिम चेतावनी जारी की है। उन्होंने उप जिलाधिकारी भोगनीपुर, रसूलाबाद तथा अकबरपुर को कठोर चेतावनी जारी की है तथा उप जिलाधिकारी डेरापुर व सिकंदरा सहित समस्त खंड विकास अधिकारियों सहित जिला कृषि अधिकारी को भी कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
- समस्त खंड विकास अधिकारी एवं जिला कृषि अधिकारी को भी परली जलाने पर नियंत्रण न करने के लिए उनके विरुद्ध नोटिस जारी
- खेतों में पराली जलाना पड़ सकता है भारी
ब्रजेन्द्र तिवारी, कानपुर देहात : जनपद में पराली जलाने की बढ़ रही घटनाओं से नाखुश जिलाधिकारी आलोक सिंह द्वारा जनपद के अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए अंतिम चेतावनी जारी की है। उन्होंने उप जिलाधिकारी भोगनीपुर, रसूलाबाद तथा अकबरपुर को कठोर चेतावनी जारी की है तथा उप जिलाधिकारी डेरापुर व सिकंदरा सहित समस्त खंड विकास अधिकारियों सहित जिला कृषि अधिकारी को भी कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने अब तक सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त सूचना अनुसार कुल 73 घटनाएं प्रकाश में आई हैं सभी स्थलों की जांच कर संबंधित से अर्थदंड के रूप में कुल 87 हज़ार रुपये कृषकों पर लगाया गया था जिसमें अभी तक मात्र रुपये 67500 की ही वसूली की जा सकी है तथा शेष धनराशि की वसूली की प्रक्रिया चल रही है। 05 कंबाइंड मशीन सीज की जा चुकी हैं तथा बिना एस0एम0एस0 लगे कंबाइंड मशीन और हार्वेस्टर के संचालन पर रोक लगा दी गयी है। अब तक 450 कुंतल पराली कृषकों द्वारा गौशाला हेतु दान किया गया है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को भी पराली की सूचना मिलने पर सीधे खेत से पराली उठान के निर्देश दिए गए हैं। आज दिनभर अभियान के रूप में समस्त लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, किसान मित्र, तहसीलदार, नायक तहसीलदार, एसडीएम, जिला कृषि अधिकारी खेत खेत दौड़ते रहे तथा पराली जलाने की सूचना प्राप्त होते ही अधिकारी द्वारा यथास्थान पहुंचकर पराली जलने के रोकी व कृषको को सचेत किया। उप निदेशक कृषि एवं उपजिलाधिकारी भोगनीपुर, मैथा खेतों में पराली बुझाते नज़र आये। जिला प्रशासन द्वारा सख्त हिदायत सहित निर्देश जारी किए हैं कि जलने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी और किसी को बक्शा नहीं जाएगा एवं जिस अधिकारी व कर्मचारियों के क्षेत्र में पराली जलने की घटना की पुनरावृत्ति होगी उनके विरुद्ध भी कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस प्रकार क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने हेतु प्रशासन सख्त है एवं क्षेत्र में कृषकों को भी जागरूक कर रहे है।