कमजोर विद्यार्थियों के लिए लगेंगी उपचारात्मक कक्षाएं, बीएसए ने जारी किए गुणवत्ता से जुड़े 10 सूत्रीय निर्देश
परिषदीय विद्यालयों में एक अप्रैल से नया सत्र 2024-25 शुरू हो गया है। नए सत्र में विद्यालयों में एक दर्जन रजिस्टर के डिजिटलीकरण को लेकर फिर सख्ती शुरु हो गई है जिसमें डिजिटल उपस्थिति भी शामिल है। बेसिक शिक्षा विभाग इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा
कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में एक अप्रैल से नया सत्र 2024-25 शुरू हो गया है। नए सत्र में विद्यालयों में एक दर्जन रजिस्टर के डिजिटलीकरण को लेकर फिर सख्ती शुरु हो गई है जिसमें डिजिटल उपस्थिति भी शामिल है। बेसिक शिक्षा विभाग इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा। पहले चरण में छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति व मिड-डे मील का रियल टाइम अपडेशन करने पर जोर दिया जा रहा है। नए सत्र को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से परिषदीय, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। महानिदेशक के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने भी समस्त प्रधानाध्यापकों, इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि मिड-डे मील व छात्र उपस्थिति पंजिका का विद्यालयों में डिजिटल प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास व आईसीटी लैब की स्थापना की गई है वहां बेहतर प्रयोग सुनिश्चित किया जाए।
इसी क्रम में कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल क्लासेस हों। विज्ञान व अंग्रेजी विषय की संदर्शिकाओं के अनुसार शिक्षण व अभ्यास कराया जाए। नए सत्र में प्रत्येक कक्षा में कमजोर विद्यार्थियों को चिह्नित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। कमजोर विद्यार्थियों के लिए अलग से उपचारात्मक (रेमेडियल) कक्षाएं चलाई जाएंगी। विद्यालयों में पुस्तकालय व रीडिंग कार्नर के नियमित उपयोग पर जोर दिया जाएगा। यह निर्देश है कि विभिन्न विषयों की संदर्शिका का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जाए। विभिन्न शैक्षणिक सामग्री बिग बुक्स, पिक्चर स्टोरी कार्ड, पोस्टर्स, लाइब्रेरी की किताबों, टीएलएम, मैथ्स किट, शैक्षणिक वीडियो का प्रयोग पढ़ाई में किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि बच्चों की नियमित व शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए अभिभावकों से संवाद किया जाए। शिक्षक संकुल की मासिक बैठक निर्धारित एजेंडा के अनुसार आयोजित करें। बैठक में सभी शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा है कि बीईओ और जिला समन्वयक, एसआरजी, एआरपी, प्रधानाध्यापकों से समन्वय स्थापित कर विभागीय निर्देशों का भलीभांति अनुपालन सुनिश्चित करें।