बेहतरीन पहल : एक ऐसा सरकारी स्कूल जिसके सामने निजी भी फीका
कायाकल्प योजना ने बदल दी संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय जोत की सूरत
कानपुर देहात,अमन यात्रा । सरकारी स्कूल का नाम आते ही जहन में आती है पुरानी सी इमारत, दरी पर बैठे चंद बच्चे। आराम फरमाते अध्यापक। इन सब से अलग कानपुर देहात जिले के रसूलाबाद विकासखण्ड के गांव जोत का संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय जिसमें उपलब्ध विशेषताएं गिनाने लगें तो प्राइवेट स्कूलों को कोसों दूर बैठाती हैं।स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं को देखकर प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी अभिभावक अब सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवा रहे हैं। बताते चलें कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों को कायाकल्प योजना के तहत संवारा जा रहा है। स्कूलों में बच्चों के लिए जरूरी सुविधाओं को हरहाल में पूरा करने के लिए शासन ने ग्राम पंचायतों को जिम्मा दिया है। कुछ ग्राम प्रधान इस कार्य को प्रमुखता के साथ ईमानदारी पूर्वक कर रहे हैं और कुछ सिर्फ फॉर्मेलिटी अदा कर रहे हैं लेकिन रसूलाबाद विकासखण्ड में बेहद पिछड़े गांव जोत में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जो प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है। सीडीओ जोगिंदर सिंह के दिशा निर्देशन में ग्राम प्रधान रमा पाण्डेय एवं प्रधानाध्यापिका अनीता पाण्डेय के सहयोग से जिले में सबसे उत्कृष्ट विद्यालय बन गया है। गांव के कुछ सभ्रांत लोगों और शिक्षकों की मेहनत से यह स्कूल इन दिनों सुर्खियों में है। इतना ही नहीं इस स्कूल के सामने तमाम प्राइवेट स्कूल भी बौने नजर आ रहे हैं। स्कूलों में शुद्ध पेयजल हेतु आरओ, वाटर कूलर, बच्चों के बैठने के लिए नया फर्नीचर, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, विशेष श्यामपट, मॉड्यूलर रसोई घर, चाहरदीवारी निर्माण, स्कूल का सौंदर्यीकरण, विद्यालय के सभी 15 कमरों में टायल्स, पूरे स्कूल में बाल पुट्टी, हैंडवॉश यूनिट आदि की स्थापना बेहतरीन तरीके से की गई है। कायाकल्प के तहत अन्य कार्य भी गतिमान हैं। ग्राम प्रधान रमा पाण्डेय बतातीं हैं कि यह तो मेरे गाँव का स्कूल है अगर मैं ही ध्यान नहीं दूँगी तो कैसे चलेगा, इसलिए सबसे पहले मैंने स्कूल की बिल्डिंग को बेहतर बनाया है। जब से यहां नये अध्यापक आये हैं वे भी स्कूल को अपना समझते हैं और बच्चों पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
जिले में बेहतरीन स्कूलों में हो रही गिनती-
पढ़ाई और बेहतर इंफ्रास्ट्रकर की वजह से इस स्कूल की पहचान जिले के बेहतरीन स्कूलों में होने लगी है। यह जिले का मॉडल स्कूल बन गया है। रसूलाबाद बीईओ अनूप कुमार सिंह ने बताया कि पिछले दिनों सीडीओ जोगिंदर सिंह ने भी इस स्कूल का निरीक्षण किया था और यहां की व्यवस्था देखकर अध्यापकों को शाबाशी दी थी। इस संविलियन स्कूल में 125 उच्च प्राथमिक स्तर व 101 प्राथमिक स्तर में बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय के शिक्षकों के प्रयास से बच्चों की संख्या भी पहले की अपेक्षा बढ़ी है।
ग्राम प्रधान ने परिसर को बनाया हरा-भरा –
ग्राम प्रधान ने स्कूल के परिसर में पेड़-पौधे लगाकर उसे हराभरा बना दिया है। कई तरह के साज-सज्जा के पौधे वे मलिहाबाद से लेकर आये हैं। विद्यालय में उन्होंने बेहतरीन पोषण वाटिका भी बनवाई है।वाटिका में फलदार पौधे आम, अमरूद, नीबू, केला, आंवला आदि व करेला, सहजन, बैंगन, फूलगोभी, सेम, खीरा, कद्दू, तोरई, पालक, टमाटर, धनियां, लौकी समेत कई प्रकार की पौष्टिक सब्जियों को उगाया जा रहा है।