बेसिक शिक्षा विभाग- विद्यार्थियों को निपुण बनाने का जिम्मा डीएलएड प्रशिक्षुओं के भरोसे
बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2023 के अंत तक जिले के सभी स्कूलों को निपुण बनाने की बात कही थी। समय पूरा होने को है लेकिन लक्ष्य अधूरा रह गया। अब बच्चों को निपुण बनाने का जिम्मा डीएलएड प्रशिक्षुओं को सौंपा गया है।
कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2023 के अंत तक जिले के सभी स्कूलों को निपुण बनाने की बात कही थी। समय पूरा होने को है लेकिन लक्ष्य अधूरा रह गया। अब बच्चों को निपुण बनाने का जिम्मा डीएलएड प्रशिक्षुओं को सौंपा गया है।
शैक्षिक स्तर के आधार पर अकादमिक रिसोर्स पर्सन द्वारा घोषित किए गए निपुण विद्यालय में बच्चों के ज्ञान को परखने के लिए डीएलएड प्रशिक्षुओं को भेजा जाएगा। निपुण लक्ष्य एप पर बच्चों के शैक्षिक स्तर की रिपोर्ट आनलाइन भेजी जाएगी। जिले में 440 परिषदीय स्कूलों में 44 एआरपी द्वारा एवं 517 परिषदीय स्कूलों में 517 शिक्षक संकुलों द्वारा इस माह के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। शासन ने निपुण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। कक्षा एक से तीन के बच्चों को हिंदी और गणित विषय में पारंगत बनाने के बाद संबंधित ब्लॉक के एआरपी द्वारा निपुण स्कूल की घोषणा की जाएगी।
ब्लॉकवार चयनित इन स्कूलों में बच्चों के ज्ञान की वास्तविकता जानने के लिए डायट के प्रशिक्षुओं को भेजा जाएगा। स्मार्टफोन, टैबलेट के माध्यम से संबंधित स्कूल में नामांकित बच्चों के शैक्षिक स्तर का पता लगाकर निपुण लक्ष्य एप पर विवरण अपलोड होगा। खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के लिए संबंधित ब्लॉक के एआरपी को जिम्मेदार माना जाएगा। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद के आदेश के बाद डायट ने इस संबंध में तैयारी शुरू कर दी है। सभी ब्लाकों के एआरपी से 10 निपुण स्कूलों के नाम जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया है। बीएसए ने बताया कि निपुण लक्ष्य एप पर काम करने के लिए डीएलएड प्रशिक्षुओं को अहम जानकारियां दी जाएंगी। ब्लॉकवार स्कूलों के नाम मिलते ही आकलन शुरू करा दिया जाएगा।