भीषण गर्मी में बच्चों की सुरक्षा पर चिंता, विद्यालय समय परिवर्तन की मांग हुई तेज
नियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने भीषण गर्मी को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों का समय बदलने की मांग की है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत का कहना है कि जनपद में पड़ रही भीषण गर्मी और 40 डिग्री से अधिक तापमान की स्थिति बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।

- समय परिवर्तन के लिए जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने बीएसए को सौंपा ज्ञापन
राजेश कटियार, कानपुर देहात। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने भीषण गर्मी को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों का समय बदलने की मांग की है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत का कहना है कि जनपद में पड़ रही भीषण गर्मी और 40 डिग्री से अधिक तापमान की स्थिति बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। ऐसी परिस्थिति में नन्हे मुन्ने बच्चों को दोपहर के समय विद्यालय से घर वापिस जाना जोखिमपूर्ण है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
हमने बेसिक शिक्षा अधिकारी से विद्यालयों के संचालन समय में परिवर्तन की मांग की है। उन्होंने कहा है कि हमने विद्यालयों का समय प्रातः 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक किए जाने का अनुरोध किया है जिससे बच्चे तेज गर्मी से पहले सुरक्षित घर लौट सकें। यह पूरी तरह छात्रहित में है और उनकी सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक भी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा पहले ही यह निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि अत्यधिक तापमान की स्थिति में जिलाधिकारी और बीएसए स्थानीय स्तर पर विद्यालयों के समय में परिवर्तन कर सकते हैं। ऐसे में अब जिला प्रशासन की ओर से शीघ्र निर्णय अपेक्षित है।
राजावत ने यह भी कहा कि कन्नौज, इटावा, औरैया, जालौन, उन्नाव एवं कई अन्य जनपदों में पहले ही समय परिवर्तन किया जा चुका है तो फिर कानपुर देहात अब तक क्यों पीछे है? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब मासूम छात्र इस भीषण गर्मी में बिना बिजली की सुविधा के कक्षाओं में बैठने को विवश हैं तो क्या विभागीय अधिकारी बिना वातानुकूलन के कार्यालयों में कार्य करने को तैयार हैं? उन्होंने कहा कि यदि समय रहते विद्यालय समय में परिवर्तन का आदेश जारी नहीं किया गया तो जूनियर शिक्षक संघ बाध्य होकर विभागीय कार्यालयों की विद्युत आपूर्ति बाधित करने जैसे कदम उठाने को विवश होगा। राजावत ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार मिश्रा से मांग की है कि इस संवेदनशील और मानवीय विषय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर अविलंब निर्णय लिया जाए जिससे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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