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राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला का किया गया आयोजन

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में संस्थान में कार्यरत लगभग 45 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों बीच सरकारी काम-काज में हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

Story Highlights
  • कामकाज में हिन्दी को उचित सम्मान दिया जाए-सीमा परोहा

अमन यात्रा ब्यूरो, कानपुर। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में संस्थान में कार्यरत लगभग 45 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों बीच सरकारी काम-काज में हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। मां वीणापाणि को माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के उपरांत निदेशक, प्रो.सीमा परोहा द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रो. परोहा ने कहा कि समय की मांग है कि हमको हिंदी भाषा को उसका गरिमामय स्थान प्रदान करना चाहिये। संविधान निर्माण के समय कार्यालय में काम काज में आसानी के लिये कुछ समय तक हिंदी के साथ अंग्रेजी के प्रयोग का प्रावधान किया गया था, लेकिन आज आजादी के बाद काफी लंबा समय बीत जाने पर भी स्थितियां बदली नहीं हैं। हर कार्यालय में अंग्रेजी के प्रति लगाव देखा जा सकता है। अंग्रेजी का ज्ञान बुरा नहीं है, लेकिन उसका प्रयोग जहां उचित हो वही किया जाना चाहिये। हिंदी भाषा-भाषी क्षेत्रों में तो विशेष रूप से हिंदी में ही काम—काज को प्रोत्साहन दिया जाना उचित होगा, तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगें।

प्रो.परोहा ने कहा कि यह संस्थान, संस्थान कर्मियों और समूचे कानपुर के लिये गर्व का विषय है कि गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा संस्थान को प्रथम बार हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये तृतीय पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्रीमती मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (राजभाषा) थीं। उन्होंने हिंदी की शब्द शक्ति, शब्दों के शुद्ध प्रयोग, शब्दों के पर्याय, शब्द सामर्थ्य आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्रीमती मल्लिका द्विवेदी ने बताया कि शब्दों का अपना संसार होता है, उनकी भी उन्नति और अवनति होती है। भाषा विज्ञान का एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसका अध्ययन सभी को करना चाहिये। कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों में से श्री विनय कुमार, श्री मिहिर मंडल, डॉ. सुधांशु मोहन, श्री दया शंकर मिश्र आदि अधिकारियों ने अपनी शंकाओं को विद्वान अतिथि के समक्ष रखा, जिनका निराकरण उन्होंने विस्तार से किया। कार्यक्रम में श्री शैलेन्द्र कु. त्रिवेदी, श्री संजय चौहान, श्री अनूप कु.कनौजिया, डॉ.अशोक कु.यादव, डॉ.अनंत लक्ष्मी रंगनाथन, श्री वीरेन्द्र कुमार एवं श्री अखिलेश कुमार पांडेय आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

 

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Author: anas quraishi

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