रियल टाइम उपस्थिति पर विरोध के बीच सख्ती शुरू, विभाग ने सातों जिलों के बीएसए से मांगा स्पष्टीकरण
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति को लेकर चल रहे विरोध के बीच सख्ती भी शुरू हो गई है। काफी कम संख्या में रियल टाइम उपस्थिति पर विभाग ने सातों जिलों लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव और श्रावस्ती के बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा है।
- दूसरे दिन भी बेसिक विद्यालय के शिक्षकों ने जताई असहमति
लखनऊ/कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की रियल टाइम उपस्थिति को लेकर चल रहे विरोध के बीच सख्ती भी शुरू हो गई है। काफी कम संख्या में रियल टाइम उपस्थिति पर विभाग ने सातों जिलों लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव और श्रावस्ती के बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा है। दरअसल इन जिलों में 20 नवंबर से रियल टाइम उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को भी शिक्षकों ने अधिकतर जगह पर विरोध दर्ज कराया। वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सर्वे में मंगलवार को सीतापुर में 7291, श्रावस्ती में 1935, रायबरेली में 1186, लखनऊ में 720 और हरदोई में 2769 शिक्षकों ने रियल टाइम उपस्थिति पर अपनी असहमति व्यक्त की है।
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दूसरी ओर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति काफी कम होने पर इन जनपदों के बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा है। दो जिलों में पहले दिन यह शून्य प्रतिशत रहा है। वहीं कुछ जगह एक तो कुछ जगह चार फीसदी ही रियल टाइम उपस्थिति दर्ज हुई है। इसके लिए क्यों न उनका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि बीएसए ने डिजिटल पंजिका को लेकर शिक्षकों को प्रेरित नहीं किया। उन्होंने इस पर बीएसए से सभी संबंधित जिलों के शिक्षकों से लिखित जवाब मांगा है।
डिजिटलाइजेशन का प्रशिक्षण आज से-
विभाग ने रियल टाइम उपस्थिति के साथ ही विद्यालयों के 12 रजिस्टर की डिजिटलाइजेशन प्रक्रिया शुरू की है। इस क्रम में संबंधित जिले के बीईओ, एसआरजी, जिला समन्वयक, एआरपी को 23 नवंबर को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बताया कि सभी परिषदीय, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों व वार्डन का ऑनलाइन प्रशिक्षण 24 नवंबर को होगा।