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शिक्षा के मंदिर में प्रधानाध्यापक सिखाते हैं जातिवाद का पाठ

विकासखंड संदलपुर के प्राथमिक विद्यालय डिलवल में योगी के सब पढ़े सब बढ़े के नारे हुए फेल। शिक्षा के मंदिर में जातिवाद की क्लास, जहां एक ओर सरकार लगातार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के तमाम प्रयास कर रही है तो वहीं कुछ शिक्षक स्कूल में जातिवाद फैला रहे हैं।

Story Highlights
  • राजनीति के बाद स्कूलों में भी जातिवाद का बोलबाला
  • शिक्षा के मंदिर में जातिवाद की चलती है क्लास

राहुल कुमार, कानपुर देहात- विकासखंड संदलपुर के प्राथमिक विद्यालय डिलवल में योगी के सब पढ़े सब बढ़े के नारे हुए फेल। शिक्षा के मंदिर में जातिवाद की क्लास, जहां एक ओर सरकार लगातार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के तमाम प्रयास कर रही है तो वहीं कुछ शिक्षक स्कूल में जातिवाद फैला रहे हैं निम्न जाति के बच्चों को हीन भावना से देखते हैं यह वाकया संदलपुर विकासखंड के डिलवल प्राथमिक विद्यालय का है। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने इस स्कूल के प्रधानाचार्य पर यह आरोप लगाया है कि यहां पर जातिवाद का पाठ पढ़ाया जाता है।यहां हर प्रकार का जातिगत भेदभाव चरम पर है। दरअसल सरकार द्वारा चलाई जा रही बच्चों के लिए मध्यान भोजन योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले भोजन के लिए स्कूल में प्रधानाध्यापक ने तालिबानी फरमान जारी किया है। दरअसल स्कूल में पढ़ने वाले तमाम दलित वर्ग के बच्चों के लिए यह फरमान जारी किया गया है और फरमान में साफ तौर से कहा गया है कि दलित वर्ग के किसी भी बच्चे को एमडीएम में दिए जाने वाले खाने के लिए अपने घर से ही बर्तन लेकर आना होगा और स्कूल के बर्तन में उन्हें एमडीएम नहीं दिया जाएगा और न ही इन बच्चों के खाए हुए जूठे बर्तन स्कूल का कोई भी कर्मचारी धोएगा, जिसके चलते यह बात जंगल में आग की तरह फैल गई। इसके बाद स्कूल में पढ़ने वाले तमाम बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंचे और जमकर बवाल काटने लगे बवाल को बढ़ते देख मंगलपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस और अधिकारियों ने इस बात की पड़ताल की कि आखिर माजरा क्या है जिसके बाद स्कूल में ही पढ़ने वाले एक शिक्षक ने इस पूरे तालिबानी फरमान की कहानी बताई और फिर उस कहानी पर चार चांद तब लग गए जब स्कूल में ही पढ़ने वाले बच्चों ने भी इस फरमान की बात का जिक्र छेड़ दिया और फिर हुआ खुलासा उस बात का जिसे कहा जा सकता है कि आखिर शिक्षा के मंदिर में यह कैसा भेदभाव।

स्कूल के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार शुक्ला अक्सर नशे की हालत में विद्यालय आते हैं और विद्यालय में रसोइए को इस बात की हिदायत दी कि दलित बच्चों के जूठे बर्तनों को स्कूल में नहीं धोया जाएगा। इस बाबत जब हमारे रिपोर्टर ने बच्चों से बात की तो स्कूल में पढ़ने वाले दलित बच्चों ने भी इस बात का खुलासा कर दिया और कहा कि मास्टर साहब ने कहा है कि खाने के लिए बर्तन घर से लेकर आओ तुम नीची जाति के हो, वहीं इस पूरे मामले में जब हमने प्रधानाध्यापक अरुण कुमार शुक्ला से इस बाबत बात की तो उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया और उनका कहना है कि मेरे खिलाफ स्कूल में पढ़ाने वाले कुछ शिक्षक षड्यंत्र रच रहे हैं उनका यह भी कहना है कि यह शिक्षक स्कूल समय में अपना काम निष्ठा से नहीं करते हैं जिस कारण उन्होंने विरोध किया था जिसके चलते शिक्षकों ने कुछ बच्चों और अभिभावकों को इस बात के लिए भड़काया और यहां पर इकट्ठा करके बवाल करा दिया हालांकि प्रधानाध्यापक अरुण कुमार शुक्ला इस बात को सिरे से नकार रहे हैं।
उक्त प्रकरण के संबंध में संदलपुर खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रजीत सिंह ने बताया कि आज मैं आज अवकाश पर था इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी नहीं है कल निरीक्षण के बाद ही कुछ बता सकूंगा।

इस पूरे मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय से भी बात की तो उन्होंने इस बात के लिए एक टीम गठित करने की बात कही है और इस टीम के माध्यम से इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। सत्यता पाए जाने पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी लेकिन बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश सरकार जहां एक ओर सब पढ़े सब बढ़े का नारा दे रही है वहीं पर इस तरह की बात का सामने आना प्रशासन और सरकार पर तमाम सवाल खड़े कर रहा है। हैरानी इस बात की है कि इस पूरे कृत्य में वह शिक्षक संलिप्त है जिन पर बच्चों पर समानता और एकता का पाठ पढ़ाने की जिम्मेदारी है।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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