स्कूलों में 90 प्रतिशत से कम हुई बच्चों की उपस्थिति तो शिक्षकों एवं बीईओ पर गिरेगी गाज
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देश के बाद परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। वहीं दूसरी तरफ उपस्थिति बढ़ाने के बाद यह लगातार मेंटेन नहीं हो पा रही है जिसके कारण निरीक्षण में कभी उपस्थित ज्यादा तो कभी कम दिखती है।
- जनपद की रैंकिंग सुधार हेतु जारी किए गए सख्त निर्देश
राजेश कटियार, कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देश के बाद परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। वहीं दूसरी तरफ उपस्थिति बढ़ाने के बाद यह लगातार मेंटेन नहीं हो पा रही है जिसके कारण निरीक्षण में कभी उपस्थित ज्यादा तो कभी कम दिखती है। स्कूल में उपस्थित को लगातार मेंटेन करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा नया आदेश जारी किया गया है। अब अगर कक्षा में बच्चों की उपस्थिति 90 फीसदी से कम हुई तो समस्त शिक्षक और प्रधानाध्यापक इसके जिम्मेदार होंगे। वह कार्यवाही के दायरे में आएंगे।
अफसरों ने एक बार फिर से बेसिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर जोर देना शुरू कर दिया है। बीएसए रिद्धी पाण्डेय ने कहा है कि कम से 90 फीसदी छात्र-छात्राएं स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए उपस्थित होने चाहिए।
इतना ही नहीं शिक्षकों की उपस्थिति भी शत प्रतिशत होनी चाहिए। शीतकालीन अवकाश के बाद खुले स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 60 फीसदी भी पूरी नहीं हो रही है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा 90 फीसदी उपस्थिति पर जोर दिया जा रहा है। बीएसए ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। बीएसए ने लिखा है कि सीएम डैश बोर्ड पर शिक्षक व बच्चों की उपस्थिति प्रदर्शित होती है जिसके आधार पर प्रदेश स्तर पर जनपद की रैंकिंग का निर्धारण होता है। जिसकी सतत् समीक्षा मुख्य तथा जनपद स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा की जाती है।
उक्त दोनों बिन्दुओं में विद्यालयों में शिक्षक की शत्-प्रतिशत व बच्चों की कम से कम 90 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रूप से होनी चाहिये जिससे जनपद की रैंकिंग प्रदेश स्तर पर बेसिक शिक्षा के अन्तर्गत अच्छी रहे। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने विकासखण्ड के समस्त परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वे सभी विद्यालय जो बेसिक शिक्षा विभाग की योजनाओं से आच्छादित हैं में शिक्षकों की शत्-प्रतिशत उपस्थिति एवं विद्यालयों में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की 90 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करायें।
यदि किसी विद्यालय में उपस्थिति अपेक्षित नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित विद्यालय के समस्त स्टॉफ के साथ-साथ उस विकासखण्ड के खण्ड शिक्षा अधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। निरीक्षण के दौरान उपस्थिति कम मिलने पर शिक्षकों पर कार्यवाही की जाएगी।बीएसए ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वह अपने बच्चों को नियमित स्कूल भेजें।