औरैयाउत्तरप्रदेश
आचार्य मनोज ने महिला सशक्तिकरण पर दिया बल
उमा प्रेम आश्रम फफूंद रोड में चल रहे गुरु पूर्णिमा महोत्सव में विख्यात कथाकार आचार्य मनोज अवस्थी जी ने नारी सशक्तीकरण पर जोर देते हुते कहा, कि नारी को पढ़ाये अवश्य पर शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी बहुत जरूरी है।
औरैया,अमन यात्रा। उमा प्रेम आश्रम फफूंद रोड में चल रहे गुरु पूर्णिमा महोत्सव में विख्यात कथाकार आचार्य मनोज अवस्थी जी ने नारी सशक्तीकरण पर जोर देते हुते कहा, कि नारी को पढ़ाये अवश्य पर शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी बहुत जरूरी है। अनुसुईया चरित्र की कथा को सुनाते हुए कहा कि पतिव्रता नारी में इतनी समर्थ होती है कि वह ब्रम्हा , विष्णु व महेश को बालक बना सकती है, क्योंकि भारत की नई सभय्ता और संस्कार को जन्म देती है। कहाकि भारत की नारी सदा से ही पूज्यनीय रही है, और रहेगी।
आगे सती चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि कभी किसी के यहाँ बिना बुलाये नहीं जाना चाहिए, और कहा कि बेटी अपने पिता से बहुत प्रेम करती है, और पिता अपनी बेटी को बहुत प्रेम करता है। आगे कहा कि बेटी बड़े भाग्य से किसी के यहाँ जन्म लेती है। उसकी तो पूजा करनी चाहिए और कन्या भ्रूणहत्या के ऊपर जोर देते हुए कहा कि ये महापाप है और कहा कि पिता की क्षमता को और माता की ममता को कभी मापा नहीं जा सकता। माता- पिता का आदर करना चाहिए। कहा कि गुरु ही परमात्मा से मिलता है। ध्रुव जी को नारद जी जैसे गुरु मिले, और उन्होंने भगवान् से मिलवाया।
धर्म के ऊपर श्रद्धा होनी चाहिए , धर्म में दिखावे की का कोई स्थान नहीं होता है। आगे भरत जी के चरित्र को सुनाया कहा कि आज माता- पिता बच्चो को पालपोस कर् बड़ा करते है लेकिन बच्चे माता पिता को दो वक्त का भोजन नहीं दे पाते. महाराज ने कहा कि माता- पिता की सेवा करना व्यक्ति की पहली प्राथमिकता है। आगे प्रहलाद जी के चरित्र को सुनाते हुए कहा कि अगर कोई अपने पुत्र को संस्कार दे दें तो एक संस्कारी संतान पूरे परिवार को मुक्ति दिला सकती है, जो अपने शिष्य को सदैव धर्म पथ पर अग्रसित करता है। वही गुरु होता है। अब मोई भरोस भयो हनुमंता। बिनु हरि भगति मिलहि नही संता।
भगवान की कृपा से ही संतो का गुरुओं का मिलन होता है। इस अवसर पर आचार्य अवस्थी जी के विभिन्न प्रदेशों, शहरों से आये हुए शिष्य सम्मलित हुए। कोविड- 19 के नियमो का भी पालन किया गया। मनोजवम परिवार सेवा न्यास संस्था द्वारा विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर आचार्य केशवम अवस्थी, मधुरम अवस्थी, दीपक, बंटी,शरद शिवम शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।