परौंख की धरती पर एक अक्टूबर 1945 को जन्मे राम नाथ कोविन्द को संघर्ष व संस्कार की शिक्षा पिता मैकूलाल ने दी। उनके पिता पथरी देवी मंदिर की देखरेख भी करते थे इसके चलते ही राष्ट्रपति का यहा से बेहद जुड़ाव है। यहा प्राइमरी की शिक्षा लेने के बाद कानपुर के रास्ते दिल्ली में वकालत करने के बाद राज्यसभा सदस्य फिर बिहार के राज्यपाल व 25 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद से ही शीर्ष पद की मर्यादा व व्यस्त कार्यक्रम के चलते वह अपनी मातृभूमि परौंख न आ सके। इस गाव ने भी अपने राम नाथ कोविन्द का चार वर्ष तक इंतजार किया। कई बार क्षेत्र के लोग राष्ट्रपति भवन गए तो शिकवा शिकायतें भी की लेकिन अब जब वह यहा आ रहे तो सारी शिकायतें दूर हो चुकी हैं और मन व दिल में बस उल्लास ही भरा है। परौंख में आज हर तरफ केवल एक ही नाम की चर्चा हो रही है और बेसब्री से इंतजार हो रहा है। सभी को रविवार की सुबह का इंतजार है जब उनका लाल अपनी मिट्टी पर कदम रखेगा और यहा के उनके सखा व पुराने लोगों के अलावा आज की युवा पीढ़ी उनसे मिलेगी।

क्या कहते हैं लोग

-चार वर्ष के बाद राष्ट्रपति के गाव आने पर हम लोगों को बेहद खुशी है गाव में हम लोग लगातार उनके आने की प्रतीक्षा करते रहते थे। अब हमारा सपना पूरा हो रहा है। -मुनेश सिंह – राम नाथ कोविन्द जब राज्यपाल थे तब गाव आए थे और राष्ट्रपति बनने के बाद गाव नहीं आए। हम लोग इंतजार करते थे अब उनका आने का कार्यक्रम है तो गाव में विकास कार्य भी खूब हो रहे हैं। – बेचे लाल कुशवाहा -हमारे गाव के राम नाथ कोविन्द जब से राष्ट्रपति बने हैं मन प्रसन्न था, लेकिन उनके न आने से मायूसी थी। अब जब वह आ रहे तो कोशिश होगी कि अभिवादन हो जाए और हालचाल पूछ लें।-राजेन्द्र सिंह – राष्ट्रपति की वजह से आज परौंख को पूरा देश जान रहा है। रविवार को दिन हमारी जिंदगी का बहुत अहम दिन होगा, गाव भी अब काफी बदल गया है। – सुरेश सिंह

बिजली समस्या संग विकास कार्य को दिया पत्र

संवाद सहयोगी, झींझक : सíकट हाउस कानपुर में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से वीरागना झलकारी बाई इंटर कालेज परौंख के प्रबंधक राजेश गुप्ता व बेटे अनमोल गुप्ता ने भेंट की। राष्ट्रपति ने उनका हालचाल लिया और परौंख में चल रही तैयारी के बारे में पूछा। यहा राजेश गुप्ता ने पत्र सौंपकर कहा कि झींझक कई वर्ष तक पुरानी नगर पंचायत रहा जो अब नगर पालिका है, लेकिन यहा पर अब भी विकास नहीं हुआ है। नगर में विकास कराने, नगर के लोगों को रोजगार की तलाश में बाहर जाना पड़ता है। झींझक में उद्योग लगवाने, झींझक में जर्जर तार बदलवाने, रेलवे फाटक से मंगलपुर की तरफ के तीन वार्डो को नगरीय क्षेत्र की बिजली सप्लाई दी जाए। इसके साथ ही यहा स्वास्थ सेवाएं काफी लचर हैं, इसे भी सुधारा जाए।