आयकर विवरणी फॉर्म भरते समय शिक्षक बरते सावधानी

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। फरवरी की सैलरी से इनकम टैक्स की कटौती की जाएगी।

कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। फरवरी की सैलरी से इनकम टैक्स की कटौती की जाएगी। इनकम टैक्स के तहत कई प्रकार की टैक्स छूट टैक्सपेयर्स को सरकार की ओर से दी जाती है। इसका फायदा उठाकर शिक्षक आसानी से अपने टैक्स के बोझ को कम कर सकते हैं। मौजूदा समय में टैक्स छूट का फायदा केवल पुरानी टैक्स रिजीम के तहत ही मिलता है।

प्री-नर्सरी के लिए टैक्स छूट-

अगर आपका बच्चा प्लेग्रुप और नर्सरी में पढ़ता है तो उसकी दी हुई फीस पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। इसे 2015 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इस छूट का फायदा अधिकतम दो बच्चों पर ही लिया जा सकता है। ये धारा 80सी के तहत आता है जिसमें अधिकतम 1.50 लाख रुपये की टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है।

स्टांप ड्यूटी-

घर खरीदने के दौरान दी जाने स्टांप ड्यूटी पर भी आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। ये उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जिन्होंने घर खरीदा हो। स्टांप ड्यूटी पर दी जाने वाली छूट इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत आती है और एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये की ही टैक्स छूट ले सकते हैं।

माता-पिता को ब्याज भुगतान पर छूट-

अगर आप अपने माता-पिता से घर खरीदने के लिए लोन लिया हुआ है तो आप उसके ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इनकम टैक्स की धारा 24बी के तहत ब्याज दर भुगतान पर टैक्स छूट दी जाती है। यह एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2 लाख रुपये तक हो सकती है।

माता-पिता को ब्याज भुगतान पर छूट-

अगर आप अपने माता-पिता से घर खरीदने के लिए लोन लिया हुआ है तो आप उसके ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इनकम टैक्स की धारा 24बी के तहत ब्याज दर भुगतान पर टैक्स छूट दी जाती है। यह एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2 लाख रुपये तक हो सकती है।

माता-पिता को किराया का भुगतान-

अगर आप अपने माता-पिता के घर में रहते हैं और उनको किराए के रूप में भुगतान करते हैं तो आप आसानी से एचआरए का फायदा उठा सकते हैं। इनकम टैक्स की धारा 10 (13ए) के तहत इसका फायदा मिलता है।

सावधानी-

आयकर विवरणी फॉर्म भरते समय कुछ लोग अन्य स्रोतों से हुई इनकम जैसे सेविंग बैंक, एफडी का ब्याज, एनएससी का ब्याज, आरडी का ब्याज, डिविडेंड, शेयर मार्केट से हुआ लाभ, किसी प्रकार का किराया, प्रॉपर्टी बेचने पर हुआ लाभ आदि को दिखाने का प्रयास करते हैं जबकि ये सारे लाभ आईटीआर भरते समय 26एएस आईएएस फॉर्म में शो हुई एक्चुअल लाभ अमाउंट दिखाया जाता है क्योंकि कोई भी लाभ 31 मार्च बीत जाने के बाद ही फाइनल माना जाता है वही राशि आपके 26एएस/एआईएस में मई-जून में शो होती है उसी को आईटीआर की इनकम में जोड़ा जाता है।

सभी श्रोतों से हुई इनकम का फाइनल हिसाब आईटीआर भरते समय ही होता है अभी केवल सैलरी का हिसाब आपको करना है। आईटीआर भरते समय सभी का एक साथ हिसाब होगा। टैक्स कम पड़ेगा तो चालान से और जमा करना होगा और यदि अभी ज्यादा जमा हो गया है तो आईटीआर के द्वारा वापस मिल जाएगा।

Author: AMAN YATRA

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