अमन यात्रा l Electric Vehicles Sales Update: भारत का इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट अभी अपने शुरुआती दौर से गुजर रहा है, लाख कोशिश के बावजूद सरकार और कंपनियां लोगों को ईवी के प्रति जागरूक नहीं कर पा रहा हैं। लेकिन लगता है, आने वाले समय में यह दशा बदलने वाली है। दरअसल, CEEW Centre for Energy Finance’s (CEEW-CEF) के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी डैशबोर्ड के अनुसार लॉकडाउन और महामारी के बीच भी वित्त वर्ष 21 में लगभग 1.35 लाख इलेक्ट्रिक वाहन सेल किए गए हैं।

CEEW-CEF द्वारा आज जारी किए गए अपडेटेड डैशबोर्ड के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण संख्या बीते कुछ सालों की तुलना में 0.88 प्रतिशत ज्यादा रही। बताते चलें कि, भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार ने 2011-12 के बाद 6.38 लाख से अधिक रजिस्टर किए हैं। इस डैशबोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो दोपहिया और तिपहिया ईवी की बिक्री वित्त वर्ष 2021 में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बाजार का लगभग 96 प्रतिशत रही है।

इसके अलावा फोर-व्हीलर सेगमेंट में वित्त वर्ष 2022 तक लॉन्च होने वाले 23 से अधिक नए इलेक्ट्रिक कारों के साथ तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। डैशबोर्ड इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि दिल्ली एनसीटी में पेट्रोल से चलने वाली सेडान से इलेक्ट्रिक सेडान पर शिफ्टिंग करने वाला उपभोक्ता सालाना लगभग 30,000 रुपये बचा सकता है। भारत में  FAME-II योजना ने अब तक अपने बिक्री लक्ष्य का केवल 4.25 प्रतिशत हासिल किया है। इसमें एक बड़ी बाधा यह भी है, कि कई ग्राहक जो ईवी को खरीदना चाहते हैं, वह सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता जैसे उपयोगकर्ता सब्सिडी और रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क की छूट से अंजान हैं।

सीईयूवी के सीईओ अरुणाभ घोष ने कहा, “आने वाले वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारों को विस्तृत और स्पष्ट लॉन्ग टर्म नीतियों को लागू करके अनिश्चितता को कम करने की आवश्यकता है। CEEW-CEF डैशबोर्ड देश में 600 से अधिक सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करता है। ”