रानी घाट, अटवा बंदी माता घाट पर मानकों की अनदेखी कर हो रहे खनन की जांच करने जब एसडीएम पहुंचे तो वहां निर्धारित क्षेत्रफल से बाहर खनन मिला और 17 लाख का जुर्माना भी लगा, लेकिन खनन अधिकारी ने कोई जांच नहीं की। इसी तरह घाटमपुर, नर्वल आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मिट्टी का खनन अवैध तरीके से हो रहा है। लगातार प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेकर प्रशासन ने जांच कराई और कार्रवाई भी हुई। खबरों का संज्ञान लेकर खुद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी खनन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। अब खनन अधिकारी को कानपुर से हटाकर कानपुर देहात तैनाती दे दी गई है । कानपुर देहात के खनन अधिकारी केवी सिंह ने बताया कि उनका तबादला कानपुर नगर और कानपुर नगर के खनन अधिकारी का तबादला कानपुर देहात हुआ है।

अधिकारी ने की होती जांच तो रुक जाता खनन

अवैध खनन की अनदेखी करने वाले खनन अधिकारी ने लगातार शिकायतों के बावजूद भी कभी जांच नहीं की। यदि वे जांच करते तो खनन पर लगाम लग सकती थी। पिछले दिनों मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर के निरीक्षण के दौरान भी सामने आया था कि खनन अधिकारी अजय यादव ने कभी फील्ड पर जाकर निरीक्षण ही नहीं किया। इसे लेकर उनसे जवाब भी मांगा गया था।

अमन यात्रा ने रानी घाट पर साढ़े 22 बीघा हेक्टेयर क्षेत्रफल में बालू के खनन का पट्टा होने और तय क्षेत्रफल से ज्यादा खनन किए जाने की खबर प्रकाशित की थी। जांच में इसकी पुष्टि भी हुई और जुर्माना भी लगा, लेकिन खनन अधिकारी ने तब भी कोई सक्रियता नहीं दिखाई थी। इसी तरह अटवा बंदी माता घाट पर खनन निरीक्षक की अनदेखी के कारण ही पट्टाधारक ने बंधा बना लिया।अमन यात्रा  ने इस मुद्दे को भी उठाया, लेकिन खनन अधिकारी टस से मस नहीं हुए। घाटमपुर, नर्वल, चौधरीपुर, बरहट बांगर, रिक्खी पुरवा समेत कई जगहों पर लगातार मिट्टी खनन होता रहा। मंडलायुक्त डॉक्टर राजशेखर, जिलाधिकारी आलोक कुमार ने संज्ञान लिया और उच्चाधिकारियों के नेतृत्व में टीमें गठित कर जांच शुरू कराई। जांच में खनन की पुष्टि हुई। इसी आधार पर खनन अधिकारी पर कार्रवाई की गई है।