कानपुर, अमन यात्रा ब्यूरो । कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त मो. इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो को लेकर एसआइटी (विशेषज्ञ जांच दल) की जांच शुरू हो गई है। बुधवार शाम एसआइटी के अध्यक्ष व सीबीसीडीआइडी के डीजी जीएल मीणा सर्किट हाउस पहुंचे। पहले उन्होंने टीम के साथ बैठक की और बाद में वह मंडलायुक्त आवास पहुंचे। वह उस स्थान को चिह्नित करना चाहते हैं, जहां वायरल वीडियो की रिकार्डिंग की गई थी। टीम गुरुवार को भी इस मामले की जांच करेगी। दरअसल शिकायत में दावा किया गया है कि मंडलायुक्त आवास में ही ये तकरीरें हो रही थीं।
कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त मो. इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े कुछ वीडियो पिछले दिनों इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए थे, जिसमें वह तकरीरें पढ़ते नजर आ रहे हैं। दावा किया गया कि धार्मिक कट्टरता की यह पाठशाला वह मंडलायुक्त आवास पर ही चला रहे थे। शासन ने इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सीबीसीडीआइडी के डीजी जीएल मीणा की अध्यक्षता में एडीजी जोन कानपुर भानु भाष्कर सहित दो सदस्यीय एसआइटी गठित की गई है। बुधवार शाम करीब पांच बजे एसआइटी अध्यक्ष सर्किट हाउस पहुंचे। वहां उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी के साथ इस मुद्दे पर बैठक की और कुछ दस्तावेज भी देखे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में जीएल मीणा ने बताया कि अभी जांच शुरू की है, प्राथमिकता यह है कि जांच समय से पूरी हो। वायरल वीडियो देखे हैं। जो लोग सामने आएंगे, उनके बयान भी दर्ज कराए जाएंगे। इसके बाद एसआइटी सदस्य मंडलायुक्त आवास पहुंचे। वहां जाने का मकसद सिर्फ ये था कि वायरल वीडियो में जो स्थान दिख रहा है वह मंडलायुक्त आवास है या नहीं। इससे यह साबित हो सकेगा कि वह तकरीर सरकारी आवास पर पढ़ रहे थे या ये कोई दूसरा स्थान है। सूत्रों के अनुसार जांच टीम को मंडलायुक्त आवास के अंदर वह स्थल मिल गया है, जहां यह वीडियो रिकार्ड किया गया था। जांच टीम ने मोबाइल कैमरे से इस स्थल की फोटोग्राफी भी की है। यहां भी डीजी सीबीसीआइडी ने मीडिया से बात की, लेकिन कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया। बोले जांच रिपोर्ट वह सीधे शासन को सौंपेंगे।
अखिल भारतीय मठ मंदिर समिति ने हवन पूजन: मंडलायुक्त कार्यालय में सेवारत आइएएस अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन के सरकारी आवास पर अखिल भारतीय मठ मंदिर समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने हवन पूजन करने का आयोजन किया। जिसे पुलिस अधिकारियों ने अनुमति प्रदान नहीं की। समिति के संरक्षक बालयोगी अरुण चैतन्य पुरी ने बताया कि नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए आश्रम में हवन पूजन किया गया। आश्रम में पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में धर्मांतरण में ऐसे अधिकारी के लिप्त होने पर शुद्धि हवन किया गया।
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