कानपुर, अमन यात्रा । ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवईनगर योजना का सर्वे शुरू हुआ तो लेआउट में दबे भूखंड सामने आने लगे। अभी तक छह ऐसे भूखंड मिले हैं, जिन पर कब्जे थे। इनकी कीमत तकरीबन छह करोड़ रुपये आंकी जा रही है। सर्वे शुरू होने के साथ ही कब्जेदार, केडीए के शामिल अफसरों और कर्मचारियों में खलबली मची है। उपाध्यक्ष ने तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। जांच ठीक से हो गई तो करोड़ों रुपये की दबी जमीन मिलने के साथ ही विकास प्राधिकरण को चूना लगा रहे अफसरों और कर्मचारियों के नाम भी सामने आएंगे।

ओ ब्लॉक सब्जी मंडी किदवईनगर में खाली पड़े केडीए के 85 भूखंडों पर कब्जे, कूड़ाघर और अन्य सुविधाओं को लेकर उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने विशेष कार्याधिकारी आलोक वर्मा और अधिशाषी अभियंता मनोज उपाध्याय को सर्वे करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इसमें जांचा जाना है कि सुविधाओं के लिए कितनी जगह दी गई है और एक-एक भूखंड के आवंटन व रजिस्ट्री की क्या स्थिति है। सर्वे शुरू किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि एक व्यक्ति ने यहां कई साल से केडीए के करोड़ों रुपये के चार भूखंडों पर कब्जा करके टिनशेड डाल रखा है। इसे किराये पर उठाकर लाखों रुपये वसूल भी किए जा रहे हैं। वर्तमान में इनकी कीमत तकरीबन चार करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इसके अलावा दो और भूखंड मिले हैं।

वर्ष 2015 में तत्कालीन उपाध्यक्ष ने खाली कराने के दिए थे आदेश

केडीए की पूर्व उपाध्यक्ष जयश्री भोज ने वर्ष 2015 में ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवईनगर की जमीन से कब्जे हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन अफसरों ने फाइल दबा दी। फाइल दबाने वाले अफसर व कर्मचारी भी वर्तमान अधिकािरयों की नजर में हैं।