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जंग इंसानियत का खून बहाने को कहते हैं और जिहाद इंसान की जान बचाने का नाम है : यासूब अब्बास

मोहम्मदपुर गांव में विकार अली (पुतान साहब) के आशरए मजालिस की आखरी मजलिस इमामबारगाह निसारन बीबी बाजार चौक मोहम्मदपुर कानपुर देहात में मुनक्किद की गई.

विमल गुप्ता, मलासा, अमन यात्रा : शनिवार को मोहम्मदपुर गांव में विकार अली (पुतान साहब) के आशरए मजालिस की आखरी मजलिस इमामबारगाह निसारन बीबी बाजार चौक मोहम्मदपुर कानपुर देहात में मुनक्किद की गई जिसको मौलाना यासूब अब्बास (अध्यक्ष शिया पर्सनल ला बोर्ड) लखनऊ ने खिताब फरमाया उन्होंने जिहाद और जंग के ऊपर रोशनी डालते हुए फरमाया कि जंग इंसानियत का खून बहाने को कहते हैं और जिहाद इंसान की जान बचाने का नाम है जिसे इमामहुसैन ने कर्बला में सवा लाख के लशकर के सामने अपनी और अपने 72 साथियों की कुर्बानी देकर इंसानियत को बचाकर जिहाद का मतलब बताया जैसे कि एक बदमाश किसी के पेट में छुरा मार कर किसी बेगुनाह की जान ले लेता है और एक डॉक्टर मरीज के पेट को चीर कर मरीज की जान बचा लेता है.

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बदमाश का किसी को छुरा मारकर जान ले लेना आतंकवाद कहलाता है और वहीं पर डॉक्टर का किसी मरीज का पेट चीर कर उसकी बीमारी खत्म करना और फिर उसकी जान बचाना यही है जिहाद मौलाना यासूब अब्बास जी ने आगे बताया की जब इमामहुसैन को यजीद के गवर्नर उमरे साद ने यजीद के फरमान (इस्लाम को आतंकवाद में बदलने) बैयत करने पर मजबूर किया तब इमामहुसैन अपने परिवार के साथ मदीना छोड़कर सफर के लिए निकल पड़े तो यजीदी फौज ने उनको घेर कर पकड़ कर करबला ले आई तब इमामहुसैन ने यजीदी फौज से यह गुजारिश की कि मुझे यहां से हिंदुस्तान चले जाने दो जहां पर तुम्हारे जैसे मुसलमान तो नहीं पर इंसान जरूर रहते हैं लेकिन यजीदी फौज ने इनकी एक ना सुनी और उन्हें व उनके बच्चों को 3 दिन तक भूखा प्यासा रखकर कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया ।

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मजलिस में विकार अली (पुतान मामू ) कफी़ल हुसैन, इरफान अली, आलम सिकोह ,हैदर अली (शालू) हुसनेआलम ,दिलनवाज अली अर्जुन सिंह ,पूर्व प्रधान शत्रुघन सिंह ,सुधीर गुप्ता , राम किशोर गुप्ता , प्रधान ओंकार सिंह सैफ रिजवी, फजी़ल भाई व बाहर से आए तमाम मोमिनीन ने शिरकत की।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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