फतेहपुर

झोला छाप डॉक्टर के उपचार के चलते मासूम की जान खतरे में

जनपद में स्वास्थ विभाग की लचर ब्यवस्था के चलते शहर से लेकर गाँव देहात तक डॉक्टर के नाम पर झोला छाप डॉक्टर खूब फलफूल रहे है। और आये दिन कोई न कोई इन झोला छाप डॉक्टरो के झांसे में आकर इनका शिकार होते रहते है।

विवेक सिंह, खखरेरु फतेहपुर|  जनपद में स्वास्थ विभाग की लचर ब्यवस्था के चलते शहर से लेकर गाँव देहात तक डॉक्टर के नाम पर झोला छाप डॉक्टर खूब फलफूल रहे है। और आये दिन कोई न कोई इन झोला छाप डॉक्टरो के झांसे में आकर इनका शिकार होते रहते है। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला जहाँ एक दोनों आंखों से माजूर ब्यक्ति एक झोला छाप डाक्टर के झांसे का शिकार हो गया। झोला छाप डॉक्टर ने पैसे की लालच में उसकी बच्ची के गले में निकले फोड़े का ऑपरेशन कर उसका इलाज करता रहा। इस दौरान बच्ची की हालत सुधरने के बजाए बद से बदतर हो गई। बच्ची की हालत नाजुक देख परिजन सरकारी एम्बुलेन्स से इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।

खागा कोतवाली क्षेत्र के बबुल्लापुर गांव निवासी सूरदास अशोक जिसकी एक वर्षीय पुत्री रागनी के गले मे एक फोड़ा हो गया। सूरदास पत्नी रेखा के साथ बच्ची को लेकर डॉक्टर को दिखाने हरदो सीएचसी जा रहा था। तभी उसको रास्ते मे हरदो में हीरालाल नामक एक झोला छाप डॉक्टर ने यह कहते हुए रोक लिया। की परेसान होने की ज़रूरत नही है हम इसको बहुत कम पैसे में ठीक कर देंगे। सूरदास अशोक व उसकी पत्नी रेखा झोला छाप डॉक्टर के बहकावे में आ गए। और झोला छाप डॉक्टर हीरालाल अपनी क़ाबलियत के दम पर एक वर्षीय मासूम के गले का ऑपरेशन कर दिया। उसके बाद ड्रेसिंग और इलाज के नाम पर परिजनों की जेब ढीली करने में लगा रहा। बच्ची की तबियत सुधरने के बजाए दिन प्रति दिन और बिगड़ती गई और एक दिन ऐसा आया कि बच्ची की हालात बहुत ज़्यादा खराब हो गई। तो उसके माता पिता उसको सरकारी एम्बुलेन्स से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने बच्ची की हालत गम्भीर देख उसको सरकारी एम्बुलेन्स से कानपुर मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया।

 

एक तरफ सरकार स्वास्थ को लेकर गंभीर हैं तरह तरह की योजनाए चला रही हैं।मगर सरकारी नुमाइंदे सरकार की इन योजनाओ को पूरी तरह अमली जामा पहनाने में संजीदा नही हैं। गाँव से लेकर शहर तक इन योजनाओ के बारे में समाचार पत्रों व् टी वी चैनलो के माध्यम से लोगो तक जानकारिया पहुंचाने का काम कर रही हैं। सरकार तो अपना काम कर रही हैं मगर इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्रो में बिना डिग्री के झोला छाप डाक्टर उठा रहे हैं। और खुले आम लोगो की जिंदगी से खेलते नज़र आ रहे हैं। जिले के जिम्मेदार आला अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवय्या का नतीजा है।

 

 

Author: Pranshu Gupta

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