ये पांच लक्षण हैं जिसके आधार पर किसी व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण की पहचान की जा सकती है

1. अगर कोई व्यक्ति हमेशा यह कहे कि वह थका हुआ है तो समझिए कि उसमें डिप्रेशन का हमला होने वाला है।

2. डायवोर्स या बेरोजगारी जैसी कठिन स्थितियों का सामना करने वाला भी डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। ऐसे व्यक्ति में यदि सामान्य से अलग व्यावहार दिखे तो समझिए वह डिप्रेशन में आ चुका है।

3. अगर कोई व्यक्ति लगातार यह कहे कि वह बहुत व्यस्त है और किसी फालतू चीज में भी हमेशा डूबा रहे तो उसमें डिप्रेशन की आशंका बहुत ज्यादा है।

4. अगर कोई व्यक्ति हमेशा चीजों में उलझा रहे, उसका व्यवहार बहुत रूखा हो और भावनात्मक रूप से उदास रहता हो तो वह व्यक्ति डिप्रेशन में आ चुका है।

5. अगर कोई व्यक्ति बातचीत में कम दिलचस्पी लेने लगे, खासकर उन बातचीत में जिनको लेकर पहले वह पैशीनेट रहता था, तो ऐसे व्यक्ति में डिप्रेशन की आशंका ज्यादा है।

जाचेरी डेरेनियोस्की के मुताबिक इन लक्षणों के आधार पर किसी व्यक्ति में डिप्रेशन को पहचाना जा सकता है। ऐसी स्थितियों में उस व्यक्ति के आसपास के लोगों को समय रहते उन्हें इलाज करवाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इससे वह बहुत बड़ी परेशानी से बच सकता है। इसके अलावा डेरेनियोस्की ने कुछ ऐसे मुहावरे भी बताए हैं जिसके आधार पर किसी व्यक्ति को डिप्रेशन में जाने से रोका जा सकता है।

उन्होंने कुछ मुहावरों के बारे में बताया है कि इन मुहावरों को इस्तेमाल कर दरअसल डिप्रेस व्यक्ति को और ज्यादा डिप्रेशन में धकेलना होगा। हालांकि इन मुहावरों का प्रयोग लोग उन्हें दिलासा दिलाने या सांत्वना देने के लिए करते हैं लेकिन ये शब्द उनपर उलटा असर करते है। जैसे यदि मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे व्यक्ति को यदि आप यह कहते हैं कि हर चीज के होने के पीछे कोई न कोई कारण है तो इस शब्द से उसे अच्छा महसूस होने के बजाय नुकसान पहुंचता है। इसी तरह आप कहते हैं कि शांत रहो और यह सब भूलकर आगे बढ़ो तो इसका भी उलटा असर होता है। इसी तरह इन चीजों से बाहर आ जाओ, समय सभी घावों को भर देगा जैसे मुहावरे मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित पर उलटा असर करते हैं।