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ढहाए जाएंगे 305 जर्जर विद्यालय : बीएसए रिद्धी

सरकार शिक्षा पर हर वर्ष लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन इसके बाद भी बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है इतना तो छोड़िए सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर करने व स्कूली बच्चों को सुविधाएं, अच्छी स्कूल बिल्डिंग, स्कूल में अच्छा माहौल देने के दावे तो तमाम करती है लेकिन हकीकत इससे उलट है।

Story Highlights
  • जर्जर स्कूलों की नहीं बदली सूरत, खंडहरनुमा भवन में शिक्षा लेने को मजबूर बच्चे

कानपुर देहात : सरकार शिक्षा पर हर वर्ष लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन इसके बाद भी बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है इतना तो छोड़िए सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर करने व स्कूली बच्चों को सुविधाएं, अच्छी स्कूल बिल्डिंग, स्कूल में अच्छा माहौल देने के दावे तो तमाम करती है लेकिन हकीकत इससे उलट है। अभी हाल ही के निरीक्षण में जनपद में 305 जर्जर विद्यालय चिन्हित किए गए हैं जिनमें की 197 विद्यालय ऐसे हैं जिनको तोड़कर नए विद्यालय बनाए जाने हैं एवं 108 विद्यालय ऐसे हैं जिनको नीलामी कर थोड़ा जाना है उनके स्थान पर नए विद्यालय नहीं बनाए जाने हैं क्योंकि वहां पर पहले से ही विद्यालय बनाए जा चुके हैं। बताते चलें कोरोना काल में जनपद में 65 जर्जर विद्यालय तोड़े जा चुके हैं इसके बाद भी इतनी अधिक संख्या में जर्जर विद्यालयों का होना विभाग पर सवाल खड़ा करता है जनपद में 55 और ऐसे जर्जर विद्यालय हैं जिन की छतों से प्लास्टर टूट टूट कर गिर रहा है और प्रधानाध्यापकों ने खंड शिक्षा अधिकारियों को इस संदर्भ में प्रार्थना पत्र भी दिया है। जनपद के कई स्कूल भवनों की स्थिति चिंताजनक है। स्कूल की दीवारों से बारिश का पानी कहीं लीकेज हो रहा है तो कहीं छत का प्लास्टर गिर रहा है। प्लास्टर के गिर जाने और कुछ जगहों का प्लास्टर गिरने की कगार में है। जमीन पर बैठे छात्र-छात्राएं डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा घट जाए, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।

 

जिले में ढहाए जाएंगे 305 जर्जर परिषदीय विद्यालय-

परिषदीय विद्यालयों के जर्जर हो चुके 305 विद्यालय भवन ढहाए जाएंगे। ऐसे चिह्नित विद्यालयों की सूची जिला बेसिक शिक्षाधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने जारी कर दी है। अगर इस सूची पर किसी को कोई आपत्ति है तो वह दो सप्ताह के भीतर शिकायत दर्ज करा सकता है। इस पर विभाग द्वारा गठित कमेटी विचार करेगी। ढहाए गए भवनों की जगह नए भवन बनाए जाएंगे ताकि बच्चों का पठन-पाठन का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।

बता दें बेसिक शिक्षाधिकारी ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को अपने ब्लॉक क्षेत्र के जर्जर विद्यालय भवनों को चिह्नित कर उनकी सूची तलब की थी। खंड शिक्षाधिकारियों ने अपने-अपने ब्लाक के जर्जर विद्यालयों की सूची जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को सौंप दी। इसके बाद उन जर्जर विद्यालयों की फाइल प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ रही है।

 

नीलाम किए जाएंगे जर्जर विद्यालय – सरकारी प्रक्रिया के तहत ढहाने से पहले जर्जर विद्यालयों की नीलामी होगी। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इसमें खंड शिक्षाधिकारी, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी और एडीओ पंचायत शामिल होंगे। सबसे अधिक बोली लगाने वाली फर्म को स्कूल ढहाने का ठेका दिया जाएगा।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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