सरकार ने इकनॉमी को राहत देने के लिए पहले आर्थिक पैकेज के तहत 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया था. इसके बाद लगभग 45 हजार करोड़ रुपये के एक और पैकेज का ऐलान किया गया था. हालांकि इन दोनों पैकेजों से इकनॉमी में कोई खास रफ्तार नहीं दिखी है. सरकार का कहना है कि तीसरे पैकेज के तहत सबसे ज्यादा जोर इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना पर होगा. इसके तहत ऐसी 20-25 इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं चिन्हित की गई हैं, जिनमें भारी निवेश किया जाएगा. चूंकि इस वक्त रोजगार बढ़ाने के जरिये मांग पैदा करना जरूरी है. इसलिए सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना चाहती है. ये नौकरियां कुशल और अकुशल दोनों तरह के कामगारों के लिए होंगी.
सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बनाने वाली कंपनियों, टूर और टूरिज्म सेक्टर की कंपनियों को टैक्स छूट और कैश इन्सेंटिव भी दे सकती है. उदयोग जगत का कहना है कि कोविड-19 से कंपनियों को काफी झटका लगा है. लिहाजा उन्होंने टैक्स छूट और कैश इन्सेंटिव की जरूरत है. कंज्यूमर प्रोडक्ट बेस कंपनियों को अगर प्रोत्साहन दिया जाता है तो वे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा कर सकती हैं.
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