कानपुर देहात

नाम के लिए स्कूलों को अधिकारियों ने ले रखा गोद, नहीं उपलब्ध करा रहे हैं आवश्यक संसाधन

शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने सरकारी स्कूलों को गोद लेने का फरमान जारी किया जिसके तहत जिले के प्रत्येक अधिकारी को कम से कम एक विद्यालय को गोद लिए जाने के निर्देश दिए गए।

लखनऊ / कानपुर देहात। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने सरकारी स्कूलों को गोद लेने का फरमान जारी किया जिसके तहत जिले के प्रत्येक अधिकारी को कम से कम एक विद्यालय को गोद लिए जाने के निर्देश दिए गए। आदेश के बाद जिले के अफसरों ने सैकड़ों परिषदीय स्कूलों को गोद लिया है। ये अफसर इन स्कूलों में सामान्य पठन-पाठन से लेकर साफ-सफाई व कायाकल्प समेत अन्य गतिविधियों पर नजर रखेंगे। साथ ही बच्चों के सर्वांगीण विकास का प्रयास करेंगे। गोद लेने वाले अफसरों ने यदि ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाई तो इन स्कूलों की तस्वीर बदली-बदली नजर आएगी। परिषदीय स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार और पठन-पाठन के स्तर को ऊपर उठाने के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव ने जिला स्तरीय अफसरों को एक-एक परिषदीय विद्यालय गोद लेने का निर्देश दिया था।

विज्ञापन

जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय अधिकारियों की सूची जारी कर उन्हें एक-एक स्कूल की जिम्मेदारी सौंपी है। इस आदेश के क्रम में अफसरों ने एक-एक स्कूल गोद लिया है। इन स्कूलों के कायाकल्प की जिम्मेदारी ये अफसर उठाएंगे। विद्यार्थियों के पढ़ाई-लिखाई के स्तर को जांचने के लिए संबंधित अधिकारी गोद लिए गए स्कूल का दौरा करेंगे। स्कूल के शिक्षकों को समय-समय पर विशेष दिशा-निर्देश भी देंगे। पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कुल मिलाकर सुविधा विस्तार और पढ़ाई का स्तर सुधार कर गोद लिए गए स्कूलों की तस्वीर बदलने का काम संबंधित अफसर करेंगे।

गोद लेने वाले अधिकारी सिर्फ स्कूलों का करते हैं निरीक्षण-

जनपद के जिन अधिकारियों ने स्कूलों को गोद लिया है वे आए दिन सिर्फ स्कूलों का निरीक्षण करने ही जाते हैं और वहां के स्टाफ को सभी सुविधाएं मेंटेन करने की हिदायत देकर आ जाते हैं जबकि नियमता स्कूलों में जिन संसाधनों की कमी है उन्हें गोद लिए जाने वाले व्यक्ति द्वारा ही पूरा किए जाने के निर्देश हैं। पहले गोद लिए जाने वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापक काफी खुश थे क्योंकि वह यह सोच रहे थे कि उनके विद्यालय में जो भी संसाधन उपलब्ध नहीं हैं गोद लिए जाने वाले व्यक्ति द्वारा उन्हें वे उपलब्ध कराए जाएंगे किंतु यह दांव उनके लिए उल्टा साबित हो गया क्योंकि आए दिन अधिकारी उनके विद्यालय पहुंच जाते हैं और प्रधानाध्यापक को कड़ी फटकार लगाते हैं। अब प्रधानाध्यापक यह सोच रहे हैं कि जाने कहां से हमारे विद्यालय को गोद ले लिया इससे बेहतर तो पहले ही था, उनका कहना है जब सभी संसाधन हमें ही जुटाने हैं तो फिर गोद लिए जाने का ड्रामा क्यों किया जा रहा है।

ये भी पढ़े-  पुखरायां : शनिवार को हुए रहस्यमय तरीके से मृत्यु के मामले में ठगी और मारपीट का आरोप, परिजनों ने दी तहरीर

बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि परिषदीय स्कूलों को गोद लेने वाले अधिकारी बेहतर शैक्षिक माहौल बनाएंगे। बच्चों के पाठ्यक्रम को पूरा कराने के लिए शिक्षकों को प्रेरित करेंगे। बच्चों के अभिभावकों से समन्वय स्थापित कर शैक्षिक वातावरण बेहतर रखेंगे। स्कूलों की कमियों को दूर कराने के लिए उच्च अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर समस्या दूर करेंगे। व्यापारियों और बड़े संस्थानों को भी स्कूलों से जोड़कर विकास कार्य भी आम सहयोग से कराएंगे जिससे स्कूल में कोई कमी न रहने पाए। परिषदीय स्कूलों को जिन अधिकारियों ने गोद लिया है उसकी सूची पूर्व में ही जारी कर दी गई थी। संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में व्यवस्था बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Recent Posts

जिलाधिकारी के नेतृत्व में पोलिंग पार्टियां सकुशल हुई रवाना

कानपुर देहात। लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 को सकुशल,शांतिपूर्ण,निष्पक्ष रूप में संपन्न कराए जाने हेतु जिलाधिकारी…

2 hours ago

मंत्रमुग्ध कर देने वाली सजावट के साथ तृतीय वार्षिक श्याम महोत्सव हुआ संपन्न

अमन यात्रा ब्यूरो। कानपुर देहात जनपद मुख्यालय स्थित जनकपुरी मैदान में खाटू श्याम बाबा का…

2 hours ago

कमजोर विद्यार्थियों के लिए चलेंगी विशेष कक्षाएं

लखनऊ/कानपुर देहात। सूबे के माध्यमिक विद्यालयों में कमजोर विद्यार्थियों की पहचान की जाएगी। इन विद्यार्थियों…

2 hours ago

वीडियोज के जरिए अध्यापन कार्य का डायट करेगा मूल्यांकन

कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के शिक्षण कार्य का अब मूल्यांकन किया…

4 hours ago

This website uses cookies.