पश्चिम बंगाल में “सीपीआईएम” बूथ एजेंट की हत्या, मचा हडकम्प

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का काफी समय हो गया है. हालांकि, राज्य के विभिन्न हिस्सों से अभी भी चुनाव के बाद हिंसा की शिकायतें आ रही हैं. सोमवार को सीपीआईएम के बूथ एजेंट का शव मिलने से हड़कंप मच गया है.

पश्चिम बंगाल :  पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का काफी समय हो गया है. हालांकि, राज्य के विभिन्न हिस्सों से अभी भी चुनाव के बाद हिंसा की शिकायतें आ रही हैं. सोमवार को सीपीआईएम के बूथ एजेंट का शव मिलने से हड़कंप मच गया है. घटना पश्चिम मिदनापुर जिले के घाटाल थाना क्षेत्र के इरदपाला ग्राम पंचायत के जयबाग गांव में घटी है. पुलिस के मुताबिक, मृतक का नाम संजय करण है.सोमवार की सुबह सात बजे स्थानीय लोगों ने संजय करण का शव जूट के खेत में पड़ा देखा. घटना की सूचना पाकर घाटाल पुलिस मौके पर पहुंची. संजय करण का घर जयबाग गांव में है.परिजनों का आरोप है कि संजय करण की हत्या की गयी है. इस चुनाव में मृत संजय लेफ्ट उम्मीदवार सुब्रत करण के एजेंट थे. बताया गया है कि शनिवार से संजय करण का पता नहीं चल सका है. वह काम पर जाने के बहाने घर से निकला थे.

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निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी वह घर नहीं लौटे तो परिवार द्वारा सभी संभावित स्थानों पर तलाश की गई. इसके बाद थाने में गुमशुदगी की डायरी दर्ज कराई गई थी. कल से ही संजय करण की कोई जानकारी नहीं मिल रही थी.परिजनों का कहना है कि पुलिस ने अलग-अलग इलाकों में भी तलाश की थी. लेकिन सोमवार सुबह स्थानीय निवासियों ने संजय करण का क्षत-विक्षत शव गांव के पास एक जूट के खेत में पड़ा देखा. फिर पुलिस को सूचना दी गई.

पुलिस का कहना है कि माकपा समर्थक मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट हाथ आने पर ही पता चलेगी. हालांकि, मृतक के परिवार का दावा है कि हत्या राजनीतिक कारणों से हुई है.मृतक के भाई ने दावा किया, ”वह नहीं मिला. लकड़ी का काम करता था. मैं पार्टी कार्यालय से खोजता हुआ निकला. आसपास के क्षेत्र में तलाश की. वह सीपीएम उम्मीदवार का एजेंट था. मुझे लगता है कि हत्या का यही कारण है. हालांकि, इस घटना में कौन शामिल हो सकता है, इस बारे में परिजन स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बता सके.घाटल ब्लॉक तृणमूल अध्यक्ष दिलीप माझी ने कहा, मैंने भी सुना.मैं पुलिस से उचित जांच करने के लिए कहूंगा, जो भी इसमें शामिल है उसे शीघ्र गिरफ्तार किया जाना चाहिए. टीएमसी हत्या या हिंसा की राजनीति पर विश्वास नहीं करती है.”

बता दें कि शुक्रवार को राज्य में एक ही रात में दो हत्याएं हुईं. नदिया के नकाशीपाड़ा में एक निर्दलीय उम्मीदवार को घर से बुलाकर पीट-पीटकर मार डाला गया था. दक्षिण 24 परगना के मगराहाट में एक तृणमूल कार्यकर्ता की कथित तौर पर हत्या कर दी गई. चुनाव के बाद भी राज्य में हत्याओं का सिलसिला जारी रहने से प्रशासन भी चिंतित है.

Author: Pranshu Gupta

Pranshu Gupta

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