ज्ञात हो कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2016 मे व् राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा नावाचार के क्षेत्र मे 2020 मे राष्ट्रीय पुरुस्कार प्रदान किया गया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,उपराष्ट्रपति वेकैया नायडू तथा असम के राज्यपाल द्वारा भी सम्मानित हो चुके हैँ।
पार्थ बंसल देश के उभरते हुए बाल वैज्ञानिक हैं।इनको राष्ट्रीय स्तर और प्रदेश स्तर पर सम्मानित किये जाने के साथ अनेकों बार विज्ञान और नवप्रवर्तन प्रदर्शनी में आमंत्रित किया जा चुका है।
पार्थ ने 2015 में पार्किंसन्स बीमारी से ग्रसित अपनी दादी श्रीमती सुषमा अग्रवाल के लिए लेज़र छड़ी का अविष्कार किया था जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति भवन में 7 नवंबर 2016 को प्रतिष्ठित इग्नाइट अवार्ड मिला था व इस अविष्कार को भारत सरकार से पेटेंट भी मिल चुका है।
कोरोना काल मे उन्होंने कई ऐसे अविष्कार किये जिससे कोरोना को फैलने से रोकने के साथ साथ बचाव मे मदद् मिलती है। विपदा की उस घड़ी मे पार्थ ने कोरोना से बचाव के लिए सनेटीजर युक्त रिस्ट बैंड, दूरी निश्चित रखने के लिए अलार्म युक्त रिस्ट बैंड, स्पेशल फेस शील्ड, सनेटीजर टुन्नेल, ऑक्सीजन की बर्बादी रोकने के लिए विशेष मास्क सहित कई उपयोगी उपकरणों का अविष्कार किया। इन अविष्कारों के लिए 2021 मे तत्कालीन कमिश्नर, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने भी पार्थ की भूरी भूरी प्रशंसा की थी।
हाल मे ही उन्होंने आँखों की एक बीमारी का पता लगाने के लिए भारतीय प्रद्योगिक संस्थान कानपुर व दिल्ली के साथ मिलकर डिवाइस का निर्माण किया है जिसे अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान , दिल्ली मे परीक्षण के लिए भेजा गया है।
बचपन मे खिलौनों से प्रयोग करते करते अब वो आधुनिक तकनीकों जैसे रोबोट, मशीन लर्निंग व इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर नए नए प्रयोग करके कुछ नया बनाने का प्रयास करते रहते हैं। उनके बनाये गए शोर प्रदूषण को रोकने वाले ‘शोर रहित हॉर्न’ और पानी की बचत करने वाले प्रयोग को ‘उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं तकनीक परिषद’ से खूब सराहना मिली है।
इसके अलावा मिनी जनरेटर, इंडक्शन चार्जर और कई तरह के रोबोट बना चुके हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर की नवप्रवर्तन प्रदर्शनियों में आई आई एम, अहमदाबाद और एन आर डी सी, हैदराबाद में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके है। इन प्रदर्शनयों मे पार्थ सबसे छोटी उम्र के प्रतिभागी थे। पार्थ की गिनती अब देश के उच्च इन्नोवटर्स में की जाती है, जो कि पुखरायां कस्बे और उत्तर प्रदेश के लिए गौरव की बात है। पार्थ के साक्षात्कार राष्ट्रीय समाचार चैनेलों, आल इंडिया रेडियो, एफ एम, वेब पोर्टल और राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में छप चुके हैं। पार्थ अपने स्कूल अटल टिंकरिंग लैब की तरफ से कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर विजेता रहे हैं। पार्थ के परिवार जन भी उनकी इस सफलता से बेहद खुश है उनका कहना है कि पार्थ भविष्य में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने की इच्छा रखते हैं। पार्थ को अपने बी टेक के अंतिम वर्ष मे भारतीव अंतरिक्ष अनुसन्धान केंद्र, इसरो से इंटर्न शिप करने के लिए बुलावा आया है। पार्थ 25 जनवरी से 25 जून तक इसरो के हैदराबाद स्थित केंद्र मे रिमोट सेंसिंग मे अनुसंधान करेंगे।