फतेहपुर, अमन यात्रा। चांदपुर कस्बा निवासी 32 वर्षीय वंदना देवी का गुरुवार को अपने पति के साथ कामकाज को लेकर झगड़ा हो गया था। झगड़े से आहत पत्नी ने उसी समय आत्मदाह का प्रयास किया तो पति विशाल उर्फ छोट्टन आग बुझाने के लिए दौड़ पड़ा। इसमें वह भी झुलस गया था। चीख सुनकर स्वजन ने आकर देखा उसके बाद  दोनों को सीएचसी में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक ने वंदना को मृत घोषित कर दिया। बता दें कि वंदना और विशाल का डेढ़ वर्षीय पुत्र वाशु भी है। हालांकि देर रात चिकित्सक पुष्कर कटियार व डाॅ. धर्मेंद्र ने विशाल को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था लेकिन वह फतेहपुर अस्पताल नहीं आया।

मौका देखकर विशाल ने लगाई फांसी

बीती रात दो बजे के करीब डाॅक्टर व फार्मासिस्ट कहीं चले गए, उस बीच आग से झुलसे विशाल ने बेड के चद्दर से इमरजेंसी कक्ष में ही लगे पंखे में फांसी लगा ली। भोर पहर ड्यूटी में लगे सिपाही दीपक पाल व होमगार्ड जवान राकेश कुमार ने फंदे में लटके शव को देखा तो खलबली मच गई। सिपाही ने पुलिस को सूचना दी। एसओ दीनदयाल सिंह ने कहा कि सीएचसी के इमरजेंसी कक्ष में स्वास्थ्य कर्मियों व ड्यूटीरत सिपाहियों को चकमा देकर किस तरह से मरीज ने फांसी लगाई है, उसकी जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।

खुदकुशी की खबर मिलते ही नाती ले गए

दिवंगत बेटी वंदना की मौत के बाद दामाद विशाल के खुदकुशी की सूचना मिलते बाराबंकी जिले के गढ़ी से आए नाना भगौतीप्रसाद व मामा प्रभात कुमार सीधे चांदपुर कस्बा बेटी के ससुराल पहुंचे। वहां से अपने डेढ़ वर्षीय नाती वाशु को लेकर बाराबंकी चले गए। दिवंगत विशाल के भाई सत्यनारायण ने बताया कि पूरे घटना की सूचना पुलिस को दे दी गई है।

…तो डाॅक्टर कमरे में, ड्यूटी में सिपाही

डाॅ. पुष्कर कटियार व डाॅ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि विशाल को रेफर करने के बाद वह रात एक बजे अपने कमरे में आराम करने चले गए थे। ड्यूटी में सिपाही व होमगार्ड लगे थे। अनुमान है कि इसी दौरान विशाल ने फांसी लगा ली। उधर स्वीपर सैयादीन व फार्मासिस्ट इदरीश का कहना था कि नींद आने पर वह भी सो गए थे।