नोएडा

फर्जी बीएड डिग्री के सहारे नौकरी कर रही चार शिक्षिकाएं पकड़ी गईं, FIR दर्ज

नोएडा में एसआईटी ने बड़ा भंड़ाफोड़ किया है. यहां सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ा रही चार शिक्षिकाएं फर्जी डिग्री के सहारे नौकर करती पाई गईं. इस मामले में FIR दर्ज कर ली गई है. इसके अलावा चारों शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया है.

नोएडा,अमन यात्रा : नोएडा में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाली चार शिक्षिकाओं को जांच के बाद एसआईटी ने पकड़ा है. चारों शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. अमन यात्रा ने इस पूरे मामले की छानबीन की और एक्सक्लुसिव रिपोर्ट तैयार की है.
गौतमबुद्ध नगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की माने तो उनका कहना है कि, कुल चार शिक्षिकाएं जिले में फर्जी दस्तावेज के जरिए सालों से नौकरी कर रही थीं और इसका खुलासा उस दौरान हुआ, जब योगी सरकार ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी करने वाले शिक्षिकों की जांच के लिए SIT गठित की. SIT ने जांच में पाया कि, नोएडा के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत चार शिक्षिकाएं बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी कर रही हैं और ये डिग्री आगरा के अंबेडकर विश्व विद्यालय की है, जिन्हें फर्जी पाया गया.

हाई कोर्ट ने बर्खास्तगी का आदेश जारी किया

आपको बता दें कि, इस जांच के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने इन सभी शिक्षिकाओं को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया, जिसके बाद इन सभी शिक्षकों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई. लेकिन सवाल इस बात का है कि, आखिरकार इतने सालों से फर्जी दस्तावेज के जरिए यह शिक्षिकाएं किसके संरक्षण में कार्य कर रही थीं.

हाई कोर्ट ने इन शिक्षकों को बर्खास्त करने के लिए जो आदेश जारी किया था. वो दस्तावेज भी हमारे पास मौजूद है. अब हम आपको बताते हैं कि, जिले के किन विद्यालयों में ये शिक्षिकाएं पढ़ा रही थीं. दनकौर थाना क्षेत्र के भट्टा गांव के प्राथमिक स्कूल में तैनात आशा कुमारी और चचूला गांव के स्कूल में तैनात सुषमा रानी फर्जी शिक्षिका पाई गईं, जिन्हें बर्खास्त कर केस दर्ज कराया गया है. आरोप है कि दोनों शिक्षिकाएं फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर कई वर्षों से नौकरी कर रही थीं.

अंबेडकर विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री

शासन स्तर से कराई गई एसआईटी जांच में दोनों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे. दोनों शिक्षिकाओं ने आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की फर्जी डिग्रियां लगायी थीं. वहीं, जेवर थाना क्षेत्र की शिक्षिका संतोष कुमारी के खिलाफ भी केस दर्ज कराया गया है. पुलिस ने मामलों की जांच शुरू कर दी है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार एसआईटी जांच में चार शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे. जिसमे से एक शिक्षिका मनीषा मथुरिया है जो बीटा 2 थाना क्षेत्र के नवादा प्राथमिक विद्यालय में कार्य कर रही थी, जिसे भी पहले बर्खास्त किया गया फिर उसके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है.

शिक्षिकाओं के खिलाफ FIR

हालांकि, इन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज तो हो गई है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई अबतक कहां तक पहुंची है, तो इस पर डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि, शिक्षिकाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है. जल्द ही चारों फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जांच पूरी कर चार्जशीट फाइल की जाएगी. उन्होंने बताया कि, दनकौर में दो शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. जेवर थाना क्षेत्र में एक एफआईआर दर्ज हुई है और बीटा-2 में भी एक  एफआईआर दर्ज हुई है.

बच्चों के सही सवाल भी काट देती थी मनीषा

हम इन शिक्षिकाओं की सच्चाई जानने के लिए  beta-2 थाना क्षेत्र के नवादा प्राइमरी स्कूल पहुंचे. जहां पर फर्जी शिक्षिका मनीषा मथुरिया अक्टूबर 2014 से कार्यरत थीं, लेकिन जब हम स्कूल में दाखिल हुये तो जो नजारा देखने को मिला उसे देखकर हमारे भी होश उड़ गए. वहां पर छोटे-छोटे मासूम बच्चे जो स्कूल में पढ़ते हैं, उनसे अपना कप प्लेट और इस्तेमाल किया हुआ बर्तन टीचर धुलवाते हुए नजर आए. लेकिन उन बच्चों से काम करवाना बंद होता तब तक सारी सच्चाई हम देख चुके थे. अब यहीं से अंदाजा लगा लीजिए कि, जिले के प्राथमिक विद्यालयों की क्या स्थिति है.

साथी शिक्षकों ने बताया हाल

इसके बाद हमने फर्जी शिक्षिका मनीषा मथुरिया के साथ कार्यरत शिक्षकों से बात कर उनसे जानने की कोशिश की कि, आखिरकार मनीषा बच्चों को किस तरह से पढ़ा रही थी तो उन्होंने भी चौंकने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि, मनीष मथुरिया गणित और विज्ञान में बेहद कमजोर थी. कक्षा चार के बच्चों को भी नहीं पढ़ा पाती थी. एक दिन जब वह छुट्टी पर गई तो उनकी जगह मनीषा ने गणित की क्लास ली लेकिन बच्चों ने जो सवाल सही किए थे उसे भी इस फर्जी डिग्री से नौकरी करने वाली शिक्षिका मनीषा मथुरिया ने गलत बता कर काट दिया और जब शिक्षिका ज्योति सैनी वापस आई तो उन्होंने बच्चों की कॉपी देखी तो पता चला कि बच्चों के सही सवालों को भी मनीषा ने गलत बताया था.

Author: AMAN YATRA

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