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‘बाबा का ढाबा’ वाले कांता प्रसाद ICU में भर्ती

'बाबा का ढाबा' चलाने वाले कांता प्रसाद (81) की नींद की गोलियां खाने से हालत बिगड़ गयी. उन्हें नाजुक हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है.

नई दिल्ली: ‘बाबा का ढाबा’ चलाने वाले कांता प्रसाद (81) की नींद की गोलियां खाने से हालत बिगड़ गयी. उन्हें नाजुक हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है. शुरुआती जांच में पुलिस ने आशंका जताई है कि बाबा ने नींद की गोली खा कर आत्महत्या का प्रयास किया है. फिलहाल मामले की जांच चल रही है. पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि कांता प्रसाद की पत्नी ने बताया है कि उन्होंने दिसंबर 2020 में रेस्टोरेंट खोला था, जो चला नहीं. वहां से उन्हें काफी घाटा हुआ.

डीसीपी साउथ अतुल ठाकुर का कहना है कि कांता प्रसाद के बेटे कर्ण ने पुलिस को बताया है कि कांता प्रसाद ने गुरुवार रात को शराब पीने के बाद नींद की गोलियां खा ली थी. हालत बिगड़ने पर उन्हें सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कर लिया गया है.

क्या है मामला?
पुलिस के अनुसार गुरुवार देर रात लगभग 11:15 बजे सफदरजंग अस्पताल से सूचना मिली कि एक शख्स को नाजुक हालत में लाया गया है, जिन्होंने नींद की गोली खाई है. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उस शख्स की पहचान कांता प्रसाद के रूप में हुई, जो मालवीय नगर इलाके में बाबा का ढाबा चलाते हैं. शुरुआती पूछताछ में कांता प्रसाद की पत्नी ने बताया कि दिसंबर 2020 में बाबा ने मालवीय नगर इलाके में ही एक रेस्टोरेंट किराए पर खोला था, जो चल नहीं पाया. उसका किराया ₹100000 महीना था, जबकि रेस्टोरेंट्स से कुल कमाई ₹30000 की हो रही थी. इस वजह से रेस्टोरेंट बन्द कर दिया था और कुछ दिन पहले ही दोबारा से ढाबा शुरू किया था.

पिछले साल लॉक डाउन में आये थे सुर्खियों में
बाबा का ढाबा चलाने वाले कांता प्रसाद पिछले साल लॉकडाउन के समय सुर्खियों में आए थे. जब यूट्यूब पर ने उनसे संबंधित एक वीडियो दिखाया था. जिसमें यह भी बताया था कि लॉकडाउन की वजह से ढाबा चल नहीं पा रहा है और ढाबा चलाने वाला बुजुर्ग दंपत्ति तंगी से गुजर रहा है.

यू-ट्यूबर से विवाद भी हुआ था

खास बात यह भी है कि जिस यूट्यूबर गौरव वासन ने बाबा की मदद की थी, उसी पर बाबा ने पैसे के हेरफेर का आरोप भी लगाया था और इस संबंध में मालवीय नगर थाने में एफआइआर भी दर्ज करवाई थी. हालांकि अभी जब दोबारा से बाबा ने यह ढाबा शुरू किया तो उसके बाद मैं यूट्यूबर बाबा के ढाबा पर पहुंचा था और उसने यह दावा किया था कि वह बाबा की मदद करने के लिए यहां आया है.

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Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

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