लखनऊ/कानपुर देहात। प्रदेश में शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। इस दौरान सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड व आयोग संचालित हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी चयन की व्यवस्था लागू है। नीतिगत सुधारों के क्रम में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप दिया जाना उचित होगा। शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप देते हुए निगमित निकाय के रूप में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया जायेगा। शिक्षकों के समयबद्ध चयन, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने में आयोग उपयोगी सिद्ध होगा।
आयोग द्वारा बेसिक, माध्यमिक अथवा उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की सीधी भर्ती के सम्बंध में मार्गदर्शी सिद्धांत किया जाएगा। अध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में चयन परीक्षा, साक्षात्कार आदि के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति प्राधिकारी को संस्तुति की जाएगी। उक्त बिंदुओं के अनुरूप नए आयोग के स्वरूप, अध्यक्ष व सदस्यों की अर्हता, आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में रूपरेखा तय करते हुए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए और जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया जाए।
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