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रोडवेज की कानपुर स्थित कार्यशाला में सीखेंगी दक्षता

पूरे प्रशिक्षण की समयावधि सालभर की होगी। पहले एलएमवी चलाने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। उसके बाद बसों की कमान महिला चालकों को धीरे-धीरे दी जाएगी। प्रशिक्षित होने के बाद पहले उन्हें निगम की कार्यशालाओं में गाडिय़ों की शिफ्टिंग यानी डक ड्यूटी में लगाया जाएगा। पूरी तरह प्रशिक्षित होने के बाद उन्हेंं पहले सहवर्ती चालक के रूप में छोटे रूटों पर उन्हें चलाया जाएगा। उसके बाद अन्य रूटों पर बसों का संचालन कराया जाएगा। पूरी तरह दक्ष हो जाने के बाद उन्हें रोडवेज पिंक बसों की कमान सौंपी जाएगी।

 

रोडवेज डीएल बनवाएगा

रोडवेज कार्यशालाओं में उनका हाथ साफ होने के बाद इनकी दक्षता का परीक्षण किया जाएगा। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद परिवहन निगम प्रशासन इनके ड्राइविंग लाइसेंस बनवाएगा, जिससे इन्हेंं डीएल के लिए न भटकना पड़े। एक प्रोफेशनल चालक की तरह इनके हाथों में बसों की स्टेयरिंग होगी।

महिला सशक्तीकरण को लेकर कौशल विकास मिशन के सहयोग से 17 महिलाओं का पहला बैच तैयार हो गया है। मार्च के प्रथम हफ्ते से कानपुर स्थित कार्यशाला में इनकी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। प्रशिक्षण निश्शुल्क होगा। औपचारिकताएं हो गई हैं। इनका टे्निंग शेडयूल बन रहा है।    -धीरज साहू, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम