पुखरायां ,अमन यात्रा : योगी सरकार 2.0 की कैबिनेट में एक और नया चेहरा शामिल हुआ है। कानपुर देहात से भोगनीपुर विधानसभा सीट से जीतकर आए राकेश सचान ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। वह विधानसभा चुनाव की शुरुआत में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। राकेश सचान की कुर्मी बिरादरी में पकड़ मानी जाती है और कानपुर नगर, देहात व फतेहपुर जिलों में लगातार सक्रिय रहने के साथ आसपास जिलों में भी असर है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की है। शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। योगी सरकार में दलबलुओं को भी मंत्री पद से नवाजा गया है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले पूर्व सांसद राकेश सचान बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे। भोगनीपुर सीट पर कमल खिलाने वाले राकेश सचान को योगी सरकार में मंत्री बनाया गया है। राकेश सचान समाजवादी पार्टी से सांसद भी रह चुके हैं।
कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के करीबी माने जाते थे। राकेश सचान 1993 और 2002 में घाटमपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। शिवपाल सिंह यादव के कहने पर मुलायम सिंह ने राकेश सचान को 2009 में फतेहपुर लोकसभा सीट से कैंडिडेट बनाया गया था। राकेश सचान ने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को लगभग एक लाख वोटों से हराया था। इस जीत के बाद राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी बन गए थे।
राकेश ने सचान ने एसपी प्रत्याशी को हराया था
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले पूर्व सांसद राकेश सचान ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। बीजेपी ने राकेश सचान को कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। बीजेपी के राकेश सचान ने एसपी के नरेंद्र पाल सिंह को 12,080 वोट से हराया था। राकेश सचान को 87,0487 वोट मिले थे। वहीं, एसपी के नरेंद्र पाल सिंह को 75,407 वोट मिले थे।
एसपी छोड़कर कांग्रेस में हुए थे शामिल
राकेश सचान लोकसभा चुनाव 2019 से पहले एसपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, जिसमे फतेहपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई थी। जिसकी वजह से पूर्व सांसद नाराज थे। पूर्व सांसद ने एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी बात की थी, लेकिन उन्हे किसी प्रकार का ठोस अश्वासन नहीं मिला था। जिसकी वजह से एसपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राकेश सचान कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। राकेश सचान कुर्मी बाहुल वोटरों की राजनीति करते हैं। बीजेपी ने राकेश सचान को कुर्मी बाहुल इलाके से प्रत्याशी बनाया था। राकेश सचान भोगनीपुर सीट से अपनी पत्नी सीमा सचान को चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन अंतिम समय पर राकेश सचान को प्रत्याशी घोषित किया गया था।
राकेश सचान का राजनीतिक सफर
राकेश सचान का राजनीतिक करियर की शुरूआत छात्र राजनीति से हुई थी। 2009 में इन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। लेकिन 2014 में सपा के टिकट पर इन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2019 में सपा-बसपा गठबंधन होने के कारण इन्हें सपा से टिकट नहीं मिला जिससे ये नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हो गए। 2022 में राकेश सचान ने भाजपा में शामिल होकर भोगनीपुर विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी राकेश सचान ने जीत का परचम फहराया है। उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को 11,589 वोटों से हराया है। राकेश सचान ने कांग्रेस छोड़कर चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी। जिसके बाद भोगनीपुर विधानसभा से विधायक विनोद कटियार से टिकट को काटकर भारतीय जनता पार्टी ने भरोसा जताया था। भारतीय जनता पार्टी के भरोसे पर खरा उतरते हुए राकेश सचान ने जीत दर्ज की है। और योगी की शपथ में राकेश सचान को मिला केबीनेट मत्री का दर्जा।
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