लखनऊ अमन यात्रा । आरंभ जैसा अप्रत्याशित था, वैसा ही अनपेक्षित अंत भी रहा। कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में चल रहा प्रदर्शन इतना हिंसक होकर आठ लोगों की मौत का कारण बनेगा, यह किसी को आभास नहीं था। तय है कि भरोसा इस पर भी नहीं होगा कि तमाम अदृश्य कारणों से भड़की चिंगारी यूं देखते ही देखते ठंडी भी हो जाएगी। काली रात में उम्मीदों का सूरज उगते देख रहे विपक्ष के अपने प्रयास शुरू हुए तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रात भर जाग कर प्रदेश में मंडरा रही हिंसा की काली छाया को छांटने की जुगत में लगे रहे। भरोसेमंद अफसरों को मोर्चे पर लगाया। यह रणनीतिक कौशल ही है कि प्रदर्शनकारी किसानों के भरोसेमंद राकेश टिकैत को संवाद का सेतु बनाया गया। सुबह तपती धरती पर सुलह की दरी बिछी। किसानों के घावों पर सीएम योगी ने दवा लगाई और दोपहर होते-होते प्रदेश में फिर सुकून, फिर शांति।