कानपुर देहात : रासायनिक उर्वरकों के अंदाधुंद इस्तमाल से मिट्टी की सेहत बिघड रही है। कानपूर मंडल के छह जिलों के 210 गांवों में हुई जाच में मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बेहद कम पाये गये है। इससे ना सिर्फ पैदावार प्रभावित होती है बल्की फसलों पर कीटों का हमला तेज हो जाता है। मिट्टी मे कई तरह के कीटों के अंडे भी पाये गए है।
यह खुलासा चंद्रशेखर आजाद कृषी एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के मुद्रा विज्ञान विभाग की जांच में हुआ है। 80 प्रतिशत गाव ऐसे मिले हैं, जहा की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ, नायट्रोजन, फॉस्फरस और पोटॅशियम की कम मात्र पाई गई है। इस रिपोर्ट को भारत कृषी अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) को भेजा गया है। दरसल आईसीएआर के सहयोग से सीएसए अपने क्षेत्र में आने वाले 28 जिलों की मिट्टी की जात कर रहा है। पहले चरण में कानपूर मंडल के कानपूर, कानपूर देहात, फारुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया में जांच की गई।
इन गांवों की मिट्टी की हुई जांच
◆ कानपूर: बिल्हौर का अकबरपुर, सेंग गाव, चौबेपुर का तरी पाठकपूर, शिवराजपुर का बसेन गांव।
◆ कानपूर देहात: मैथा ब्लॉक का सहतावनपुरवा, औरंगाबाद, माझियार, पांडेय निविदा गांव।
◆ कन्नौज: जलालाबाद ब्लॉक का पंचपुखरा, डिगसरा, अन्नौगी, उमरदा ब्लॉक के हिंमतपूर और मजरेठा गांव।
यहां के गांवों की मिट्टी भी जांची जायेगी
◆ विश्वविद्यालय के अंतर्गत लखीमपुर खिरी, रायबरेली, फतेहपुर, हरदोई कौशांबी, हाथरस, अलिगड,एटा, कासगंज, फिरोजाबाद समेत 28 जिले आते हैं। यहां की मिट्टी के नमुने भी जांचे जायेंगे।
पुणे, महाराष्ट्र के ऑर्गेनिक खेती के एक्सपर्ट अजिंक्य कामते ने बताया की किसान को रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती करनी चाहिये। युरिया डीएपी और जहरीली दवाईयों की जगह एम गोल्ड नामक जैविक खाद इस्तेमाल करना चाहिए एम गोल्ड मे 35 प्रतिशत कार्बनिक पदार्थ पाया जाता है। इसके हर 15 दिन में फसलों पर स्प्रे करने से मिट्टी मे कार्बनिक पदार्थ बढ सकता हैं।
कार्बनिक पदार्थ फसल के लिए कैसे लाभदायक
● फसल की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है, इससे रोग और किट नहीं लगते।
● पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है, पैदावार भी बढती है।