निंदा- चाणक्य के अनुसार निंदा करना सबसे बुरी आदतों में से एक है. निंदा को निंदा रस भी कहा गया है, क्योंकि जो एक बाद इस आदत को अपना लेता है तो उसे सहज इस आदत से छुटकारा नहीं मिलता है. उसे निंदा करना अच्छा लगने लग जाता है, उसे ज्ञात ही नहीं हो पाता है कि वो कितनी बुरी आदत से घिरता जा रहा है, बुराई करना और सुनना दोनों से ही बचना चाहिए. ये प्रगति में बाधक है. इन बुराईयों से दूर रहने वाले पर लक्ष्मी जी की कृपा सदैव बनी रहती है.
कानपुर देहात। जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक सिंह द्वारा अवगत कराया गया है कि मतदाता…
पुखरायां।समाजसेवी मिलन यादव ने शनिवार को भोगनीपुर तहसील क्षेत्र में गठबंधन प्रत्यासी नारायण दास अहिरवार…
पुखरायां।कानपुर देहात से एक बड़ी खबर सामने आई है।यहां पर शनिवार देर रात्रि सड़क हादसे…
पुखरायां।अकबरपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत पातेपुर लालपुर में रविवार को नवाकांति सोसाइटी के तत्वाधान में…
पुखरायां।भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के देवीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार को…
कानपुर देहात। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) केशव नाथ गुप्ता कानपुर देहात ने जनपद के समस्त मतदाताओं…
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