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विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में क्यों हारा भारत, जानिए वजह

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में कल भारत को न्यूजीलैंड के हाथों आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा. भारत ने टेस्ट मैच के अंतिम दिन न्यूजीलैंड को 139 रनों का लक्ष्य दिया था जिसे उसने 2 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया.

IND vs NZ WTC Final 2021: विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में कल भारत को न्यूजीलैंड के हाथों आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा. भारत ने टेस्ट मैच के अंतिम दिन न्यूजीलैंड को 139 रनों का लक्ष्य दिया था जिसे उसने 2 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया. कप्तान केन विलियम्सन और रॉस टेलर में शुरुआती झटकों से उबरते हुए तीसरे विकेट के लिए 96 रनों की अटूट साझेदारी की और अपनी टीम को विश्व टेस्ट चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई. विलियम्सन ने कप्तानी पारी खेलते हुए नाबाद 52 तो रॉस टेलर ने नाबाद 47 रन बनाए.

भारत के गेंदबाजों ने अपनी तरफ से भरपूर जोर लगाया लेकिन विलियम्सन और टेलर ने उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिए. मैच के बाद कप्तान कोहली ने बल्लेबाजी में और बेहतर प्रदर्शन करने की बात कही. कोहली ने कहा कि अगर हम अपनी दूसरी पारी में 30-40 रन और बना लेते तो इस मैच का नतीजा अलग हो सकता था. आइए आपको बताते है फाइनल में क्या रही भारत की हार की पांच बड़ीं वजह.

भारत का टॉप ऑर्डर रहा फ़्लॉप 

फाइनल मुकाबले की दोनों पारियों में भारत का टॉप ऑर्डर अपना असर छोड़ने में नाकामयाब रहा. पहली पारी में रोहित शर्मा और शुभमन गिल दोनों ने साधी हुई शुरुआत की लेकिन ये इसे बड़े स्कोर में तब्दील करने में नाकामयाब रहे. पुजारा के ऊपर भारतीय पारी को एक तरफ से बांधे रहने का दारोमदार रहता है लेकिन वो भी दोनों इनिंग्स में न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के हाथों जल्द आउट हो गए. वहीं पहली पारी में कप्तान कोहली और अजिंक्य रहाणे भी अच्छी शुरुआत के बाद जल्द आउट हो गए. टॉप ऑर्डर और मध्यक्रम में कोई भी लंबी साझेदारी का ना होना अंत में हार का बड़ा कारण साबित हुआ.

इंग्लैंड के हालात के हिसाब से स्विंग गेंदबाज की कमी 

इस मैच में भारत ने अपनी प्लेइंग इलेवन में तीन तेज और दो स्पिन गेंदबाजों को शामिल किया था. भारत के गेंदबाजी आक्रमण में एक माहिर स्विंग गेंदबाज की कमी देखने को मिली. इंग्लैंड में  हालात तेज खासकर की स्विंग गेंदबाजों के अनूकूल रहते हैं. ऐसे में तेज गेंदबाज की बजाय एक अतिरिक्त स्पिनर के साथ उतरना टीम को भारी पड़ा. न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के हालात के हिसाब से अपना बॉलिंग आक्रमण चुना और टीम में एक भी स्पिनर को नहीं खिलाया. साउदी और ट्रेंट बोल्ट की स्विंग और जेमिसन की उछाल भारी गेंदबाजी के साथ साथ नील वैगनर की आक्रामक बाउन्सर ने लगातार भारतीय बल्लेबाजों को अपने जाल में उलझाए रखा.

न्यूजीलैंड के अंतिम चार विकेट पड़े भारी 

न्यूजीलैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने पहली पारी में टीम के लिए शानदार रन जोड़े जबकि भारत का निचला क्रम दोनों पारियों में जल्द आउट हो गया. पहली पारी में न्यूजीलैंड के 6 विकेट 162 रन पर गिर गए थे और ऐसा लग रहा था कि भारत इस मैच में बढ़त हासिल कर लेगा. लेकिन जेमिसन और साउदी ने तेज बल्लेबाजी कर स्कोरकार्ड में 58 रन और जोड़ दिए. इन दोनों ने कप्तान विलियम्सन के साथ मिलकर अपनी टीम को भारत की पहली पारी पर 32 रन बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई. अंत में ये एक बड़ा अंतर साबित हुआ.

जसप्रीत बुमराह नहीं छोड़ पाए असर 

इस मुकाबले में भारतीय टीम को अपने स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से बहुत उम्मीदें थी लेकिन कीवी बल्लेबाजों के आगे वो बेअसर साबित हुए. मैच की दोनों पारियों में वो एक भी विकेट लेने में कामयाब नहीं हुए. इसके अलावा भारत को पांचवे गेंदबाज की भी कमी खली. जडेजा ने पूरे मैच में केवल 15 ओवर गेंदबाजी की और न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को इस पिच पर्व उनका सामना करने में कोई परेशानी नहीं हुई. जडेजा की जगह अगर भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या की तरह कोई तेज गेंदबाजी करने वाला ऑलराउंडर होता तो न्यूजीलैंड के ऊपर लगातार दबाव बनाए रखना आसान होता और मैच का नतीजा भी अलग हो सकता था.

भारत को खली मैच प्रैक्टिस की कमी 

इस अहम मुकाबले से पहले भारत को एक भी प्रैक्टिस मैच ना खेलना भारी पड़ा. भारतीय टीम ने एक इंट्रा-स्क्वॉड मैच जरूर खेला था लेकिन फाइनल मुकाबले की तैयारियों के हिसाब से ये नाकाफी साबित हुआ.

Author: AMAN YATRA

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