गोरखपुर,अमन यात्रा । गोरखपुर जिला महिला अस्पताल में की कर्मचारी शहाना उर्फ सुहानी सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले दारोगा को कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। दोपहर में पुलिस कार्यालय पहुंची शहाना की मां-बहन और रिश्तेदारों ने एसएसपी से मुलाकात की। 11 माह के बच्चे के साथ इंसाफ करने के लिए उन्होंने आरोपित का डीएनए टेस्ट कराने की गुहार लगाई। स्वजन ने बक्शीपुर पहुंचकर मकान मालिक से भी घटना की जानकारी ली।

यह है मामला

एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि बेलीपार के भीटी गांव निवासी शहाना कोतवाली इलाके में बक्शीपुर में किराए पर कमरा लेकर एलआइयू की स्पेशल ब्रांच में तैनात दारोगा राजेंद्र सिंह के साथ रहती थी। वह जिला अस्पताल में संविदाकर्मी थी। 15 अक्टूबर की सुबह किराये के कमरे में शहाना का शव फंदे से लटकता मिला था।शहाना की मां तहरुन निशा ने रविवार को दारोगा राजेंद्र सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया था। उनका आरोप है कि दारोगा की प्रताड़ना से आजिज कर शहाना ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर लिया। पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह भी हैंगिंग आई थी।

रव‍िवार को हुई थी ग‍िरफ्तारी

तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर रविवार की रात में बलिया जिले के रेवती थानाक्षेत्र स्थित श्रीनगर गांव के रहने वाले आरोपित दारोगा राजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार की दोपहर बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया।एसएसपी ने बताया कि शहाना के स्वजन व रिश्तेदार सोमवार की सुबह कार्यालय में मिले थे।उनकी सभी शिकायत का समाधान होगा।

अभिसूचना मुख्यालय काे भेजी गई सूचना

दारोगा राजेंद्र सिंह की गिरफतार होने के बाद इसकी सूचना अभिसूचना मुख्यालय लखनऊ को दे दी गई।सोमवार को जेल जाने के बाद एफआइआर की कापी के साथ ही सूचना भेजी गई।राजेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अभिसूचना मुख्यालय से होगी।