बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए कर्जदार हो गए पिता

विवेक के बड़े भाई धीरज गुप्ता ने बताया कि पिता ने आर्थिक तंगी का असर विवेक पर नहीं पडऩे दिया। मां फूल कुमारी ने भी इसके लिए खूब त्याग किया। बचपन में ही विवेक की मेधा को भांपकर पिता विजय ने उसे इंजीनियर बनाने की ठान ली। कर्ज लेते गए लेकिन विवेक की पढ़ाई में उन्होंने कोई बाधा नहीं आने दी। यहां तक की लाकडाउन के दौरान उनका धंधा भी चौपट हो गया लेकिन उसका असर उन्होंने बेटे की पढ़ाई पर नहीं पडऩे दिया। विवेक रिजल्ट से खुश तो है लेकिन उसका लक्ष्य आइआइटी में पढऩे का है। उसने बताया कि जेईई एडवांस के लिए वह जी-तोड़ मेहनत कर रहा है। विवेक का हाईस्कूल में 95.6 प्रतिशत अंक मिले थे।

गोरखपुर के अनुभव को मिला 99.94 परसेंटाइल

आजाद नगर के रहने वाले अनुभव श्रीवास्तव का नाम जेईई मेन में चमका था। उन्हें इस परीक्षा में 99.94 परसेंटाइल हासिल करने में सफलता मिली है। मनीष के पिता मनीष श्रीवास्तव बिजली विभाग के अभियंता हैं जबकि मां प्रीति श्रीवास्तव जूनियर हाईस्कूल में अध्यापिका हैं। मूल रूप से उरुआ ब्लाक के गजपुर गांव के रहने वाले अनुभव का सपना आइआइटी से इंजीनियरिंग करने का है। इसके लिए वह जेईई एडवांस के तैयारी में जोरशो से जुटे हुए हैं।

इन्हें भी मिला 99 से ऊपर परसेंटाइल

जेईई मेन्स के परिणाम में गोरखपुर के कई मेधावियों को 99 से अधिक परसेंटाइल हासिल करने में सफलता मिली है। चेतन चौरसिया को 99.82 परसेंटाइल मिला है तो चित्रांश को 99.23 परसेंटाइल हासिल करने में सफलता मिली है। मिथिलेश को 99.60 परसेंटाइल मिला है। प्रखर वोहरा को भी 99.26 परसेंटाइल मिला है। दिव्यांश त्रिपाठी को 98.6 और अमन कश्यप को 98.44 परसेंटाइल हासिल हुआ है।