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संगीत कार्यशाला में बनारस शैली के राग पीलू का सरगम गीत को सिखाया गया
कानपुर,अमन यात्रा । सी.एस.जे.एम. यूनिवर्सिटी में हाइब्रिड (ऑन लाईन/ऑफ लाईन) माध्यम से ठुमरी एवं दादरा की सात दिवसीय संगीत कार्यशाला संचालित की जा रही है। कार्यशाला की संयोजिका डॉ. ऋचा मिश्रा ने बताया कि आज चौथे दिन रिसोर्स पर्सन डॉ. शालिनी वेद त्रिपाठी ने बनारस शैली में राग पीलू का सरगम गीत तीन ताल में बद्ध तथा पीलू एवं ताल कहरवा में बद्ध होरी, ‘‘चलो गुईयां आज खेलें होरी’’ तथा राग खमाज एवं जत ताल में बद्ध ठुमरी ‘‘इतनी अरज मोरी मान’’ और राग देस वा ताल दीपचंदी पर आधारित होरी ठुमरी ‘‘होरी खेल ना जाने’’ को बहुत ही सुंदर तरीके बोल बनाओ इत्यादि के साथ अलंकृत कर सिखाया गया। सभी छात्र/छात्राओं ने इसे पूरी तन्मयता के साथ आनंदित हो कर गाया। तबले पर कुशल संगत शुभम वर्मा व श्री निशांत कुमार सिंह ने दी। इस अवसर पर ऑन लाईन/ऑफ लाईन दोनों मोड से पंजीकृत शिक्षक/शोधार्थी/छात्र छात्रायें तथा कार्यशाला आयोजन समिति के सदस्य डॉ. रागिनी स्वर्णकार (संगीत विभाग, सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय) उपस्थित रहे।