संगीत विभाग में संचालित हो रही सात दिवसीय कार्यशाला
अभी होली आने में भले ही एक माह का समय रह गया हो, लेकिन छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में विभिन्न फाग गीतों के माध्यम से अभी ही होली सा माहौल बन गया है।
अमन यात्रा ब्यूरो,कानपुर। अभी होली आने में भले ही एक माह का समय रह गया हो, लेकिन छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में विभिन्न फाग गीतों के माध्यम से अभी ही होली सा माहौल बन गया है। ज्ञातव्य है कि विश्वविद्यालयम में हाइब्रिड यानी ऑनलाईन एवं ऑफलाईन दोनों माध्यमों से ठुमरी एवम् दादरा की सात दिन की संगीत कार्यशाला कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में चल रही है।
आज तीसरे दिन रिसोर्स पर्सन डॉ. शालिनी वेद त्रिपाठी के निर्देशन में बनारस शैली में राग पीलू एवम् ताल कहरवा में बद्ध होरी, ‘‘चलो गुईयां आज खेलें होरी’’ तथा राग खमाज एवम् जत ताल में बद्ध ठुमरी ‘‘इतनी अरज मोरी मान’’ और राग देस वा ताल दीपचंदी पर आधारित होरी ठुमरी ‘‘होरी खेल ना जाने’’ को बहुत ही सुंदर तरीके बोल बनाओ इत्यादि के साथ अलंकृत कर सिखाया गया। कार्यशाला में सहभागिता करने वाले सभी छात्र/छात्राओं ने आनंदित हो कर उसे गाया और विभिन्न रागों और तालों की बारीकियों को समझा।
तबले पर कुशल संगत सहायक आचार्य शुभम वर्मा ने दी। कार्यशाला की संयोजिका डॉ. ऋचा मिश्रा ने बताया कि कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक जी के कुशल निर्देशन में संगीत प्रेमियों को विभिन्न सुर, लय, ताल में बद्ध होकर हमारी सांस्कृतिक विरासत को प्रचार-प्रसार और समृद्धि प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर ऑन लाईन/ऑफ लाईन दोनों मोड से पंजीकृत शिक्षक, शोधार्थी, छात्र-छात्रायें तथा कार्यशाला आयोजन समिति के सदस्य डॉ. रागिनी स्वर्णकार, निशांत कुमार सिंह आदि उपस्थित उल्लेखनीय रही। डॉ. ऋचा मिश्रा ने पंजीकृत होकर सहभागिता करने वाले सभी प्रतिभागियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।