कानपुर देहात, अमन यात्रा : बच्चों का आधार कार्ड ऐसा दस्तावेज है जो उनके 18 साल के होने से पहले ही उनकी पहचान का प्रमाण देता है। आधार के अलावा मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज 18 साल की उम्र के बाद ही बनाए जाते हैं। इतना ही नहीं आज के समय में आधार कार्ड का महत्व मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। आधार कार्ड के बिना आपके बच्चों के कई जरूरी काम अधूरे रह सकते हैं। इसके अलावा आधार के बिना आपके बच्चे को किसी सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल सकता है लिहाजा आधार कार्ड जितना हमारे लिए महत्वपूर्ण है उतना ही ये हमारे बच्चों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
5 साल का होने के बाद बच्चे के आधार में बायोमेट्रिक्स अपडेट कराना अनिवार्य
आधार के महत्व को देखते हुए अब जन्म लेने वाले बच्चों का भी आधार कार्ड बना दिया जाता है। बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए उसका जन्म प्रमाण पत्र या अस्पताल से मिलने वाले डिस्चार्ज पेपर की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा बच्चे के माता-पिता में से किसी एक के आधार कार्ड की भी जरूरत पड़ती है। बताते चलें कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड बनवाते वक्त उनका बायोमेट्रिक्स जैसे- उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का डेटा नहीं लिया जाता है हालांकि जब आपका बच्चा 5 साल का हो जाता है तो उसका बायोमेट्रिक्स अपडेट कराना अनिवार्य होता है।
15 साल की उम्र होने पर भी अपडेट होता है बच्चों के आधार में दर्ज बायोमेट्रिक्स
5 साल के बाद 15 साल की उम्र पूरी होने पर भी बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक्स अपडेट कराना भी अनिवार्य होता है। 5 साल और 15 साल होने पर बच्चे के आधार में बायोमेट्रिक्स अपडेट कराने के लिए किसी भी तरह का कोई चार्ज नहीं लगता है। ये पूरी तरह से फ्री होता है। बताते चलें कि 5 साल के कम उम्र के बच्चों के लिए बनाए जाने वाले आधार कार्ड का रंग हल्का नीला होता है और इसे बाल आधार कहा जाता है। बाल आधार बच्चे के 5 साल होने के बाद अमान्य हो जाता है। दरअसल जब आपका बच्चा 5 साल का हो जाता है तो उसके बायोमेट्रिक्स अपडेट कराने होते हैं। 5 साल की उम्र में होने वाले अपडेट के बाद बच्चे को नया आधार कार्ड मिलता है जिसका रंग बाकी आधार कार्ड की तरह की सफेद होता है।