कानपुर

सामने आया रुह कंपा देने वाला सच, जख्म बयां कर रहे हैवानियत की दास्तां

फजलगंज में परचून दुकान प्रेम किशोर, उसकी पत्नी और बेटे की हत्या जिस तरीके से की गई, उसे जानकर रूह कांप उठेगी। चापड़ और लोहे की राड से ताबड़तोड़ वार किए गए। सिर-चेहरे पर और शरीर के अन्य हिस्सों पर घाव बताते हैं कि पति और पत्नी ने हत्यारों से जमकर संघर्ष किया। मासूम 12 वर्षीय बेटे पर भी रहम नहीं आया, उसके सिर पर वार करने के बाद गला किसी तार जैसी चीज से कस दिया और गर्दन मरोड़ दी।

कानपुर, अमन यात्रा ब्यूरो । फजलगंज में परचून दुकान प्रेम किशोर, उसकी पत्नी और बेटे की हत्या जिस तरीके से की गई, उसे जानकर रूह कांप उठेगी। चापड़ और लोहे की राड से ताबड़तोड़ वार किए गए। सिर-चेहरे पर और शरीर के अन्य हिस्सों पर घाव बताते हैं कि पति और पत्नी ने हत्यारों से जमकर संघर्ष किया। मासूम 12 वर्षीय बेटे पर भी रहम नहीं आया, उसके सिर पर वार करने के बाद गला किसी तार जैसी चीज से कस दिया और गर्दन मरोड़ दी। हमले में तीनों के सिर की हड्डी टूट गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट तिहरे हत्याकांड में जिस तरह निर्दयता बयां कर रही है, वो हैवान ही कर सकते हैं। दंपती व उनके बेटे के शव का पोस्टमार्टम डाक्टर सपन गुप्ता और डाक्टर प्रवीन सक्सेना के पैनल ने किया।

12 निशान प्रेम किशोर के सिर और चेहरे पर

सबसे पहले प्रेम किशोर के शव का पोस्टमार्टम हुआ। सिर से चेहरे तक धारदार हथियार की 12 चोटें हैं। तेज वार से सिर की हड्डी टूट गई और गहरा जख्म हो गया। बायीं हथेली, कोहनी व सीने पर घाव था। मृत्यु का कारण अत्यधिक रक्तस्राव होना सामने आया। माना जा रहा है कि मृत्यु से पहले प्रेम किशोर ने हत्यारों से जमकर संघर्ष किया होगा।

8 से 10 घाव ललिता के शरीर पर

पोस्टमार्टम में ललिता के भी सिर की हड्डी टूटी पाई गई। चेहरे, सीने, गर्दन व कमर के पास आठ से 10 घाव मिले हैं। गर्दन को भी धारदार हथियार से रेता गया था। कंधे से सीने तक और दाहिने हाथ व कमर पर घाव थे। मौत का कारण अत्यधिक रक्तस्राव होना सामने आया। कातिलों से बचने के लिए ललिता ने भी काफी संघर्ष किया था।

6 चोटें नैतिक के शरीर पर

12 वर्षीय नैतिक के शरीर पर भी छह चोटें मिलीं। सिर की दो हड्डियां टूटी मिलीं। माना जा रहा कि उसके सिर पर लोहे की राड से वार किए गए थे। कातिलों ने उसके गले को भी किसी तार जैसी चीज से कसा और गर्दन मरोड़ दी। मौत की वजह सिर की हड्डियां टूटने से कोमा में जाना और अंदरूनी रक्तस्राव सामने आया है।

इस तरह बांधे गए थे हाथ-पैर

प्रेम किशोर, ललिता देवी व नैतिक के शव जमीन पर पड़े थे। प्रेम किशोर और ललिता के दोनों हाथ अलग-अलग बांधे गए थे। एक हाथ पिलर व दूसरा हाथ तख्त से बांधा गया था। पैर भी बंधे थे। नैतिक के केवल हाथ बंधे हुए थे।

Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

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