अयोध्‍या,अमन यात्रा । राम मंदिर का गर्भ गृह इस तरह निर्मित होगा, जिससे सूर्य देव की रश्मियां रामलला तक आसानी से पहुंच सकें। साथ ही रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मुखारङ्क्षवद पर पड़ें, इसे ध्यान में रखकर निर्माण की योजना है। इसके लिए सूर्य की खगोलीय स्थितियों पर अध्ययन भी शुरू हो गया है। इसके साथ ही मंदिर निर्माण अब रात में भी होगा क्योंकि दिन में गर्मी होने के कारण निर्माण के लिए अनुकूल तापमान नहीं मिल रहा है।

मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय सोमवार को मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण आगे बढ़ाने के लिए 22-23 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता है। ऐसे में आगे के निर्माण के लिए रात्रि कालीन निर्माण को वरीयता दी जाएगी यदि रात में भी अनुकूल तापमान नहीं हुआ, तो सर्दी की प्रतीक्षा की जाएगी। वह सर्किट हाउस में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने प्रत्येक रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे ऐसी व्यवस्था किए जाने की पुष्टि की, जिससे उस समय कुछ मिनट के लिए सूर्य की रोशनी सीधे रामलला के विग्रह के मुख पर पड़ें। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े वैज्ञानिकों के समक्ष इस परिकल्पना को साकार करने का विषय रखा है। चंपतराय को भरोसा है कि प्रधानमंत्री की यह अपेक्षा सफल होगी।

चंपतराय ने मंगलवार को अयोध्या पहुंच रहे संघ प्रमुख मोहन भागवत के रामजन्मभूमि दर्शन कार्यक्रम को लेकर अनभिज्ञता जताई। कहा, अयोध्या आने वाला हर कोई रामजन्मभूमि जाना चाहता है और इसमें कोई अनोखापन नहीं है। इससे पूर्व चंपतराय सहित राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, एक अन्य सदस्य डा. अनिल मिश्र तथा मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) एवं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के प्रतिनिधियों ने सर्किट हाउस में बैठक कर निर्माण कार्य के प्रगति की समीक्षा की। बैठक मंगलवार को भी चलेगी। सोमवार को प्रथम बेला में नृपेंद्र मिश्र ने कार्यदायी संस्था के वास्तु विशेषज्ञों के साथ रामजन्मभूमि परिसर का स्थलीय निरीक्षण भी किया। मंदिर निर्माण के क्रम में इन दिनों नींव के ऊपर एक और मजबूत परत की ढलाई चल रही है।