ये दिया तर्क
याचियों ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 1998 के बाद प्राविधिक कला को भी ड्राइंग विषय में ही शामिल कर लिया गया है. याचियों का कहना था कि उन्हें पाठ्यक्रम बदलने के कारण अयोग्य नहीं माना जा सकता. उन्होंने कक्षा नौ में प्राविधिक कला की शिक्षा ली है. साथ ही इसका ज्ञान होने के नाते वे न्यूनतम योग्यता रखते हैं.
24 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
जस्टिस यशवन्त वर्मा की एकलपीठ ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद याचियों को इंटरव्यू में शामिल करने का निर्देश दे दिया है. हांलाकि याचियों का अंतिम रिजल्ट घोषित नहीं होगा, वह याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा. याचिकाकर्ता मुकेश तिवारी और 16 अन्य अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा उन्हें इंटरव्यू से बाहर किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मामले की अगली सुनवाई 24 नवम्बर को होगी.
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