कानपुर, अमन यात्रा। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में आग फैलने से पहले जानकारी होने से बचाव कार्य समय से शुरू होने से कई जानें बच गईं। इसके पीछे सीसीयू में ड्यूटी पर तैनात कार्डियक आइसीयू टेक्नीशियन दीक्षा भट्ट की सजगता काम आई। उनकी सजगता से 143 मरीजों की जान बच सकी।

हृदय रोग संस्थान की बिल्डिंग पूरी एयरकंडिशनर है। रविवार सुबह 7.30 बजे सीसीयू में ड्यूटी कर रही दीक्षा ने सबसे पहले सीसीयू के स्टोर रूम से आग एवं धुआं उठते हुए देखा। तत्काल संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों एवं अधिकारियों को सूचित किया। चारो तरफ से शीशे लगे होने से धुआं तेजी से तीन मंजिला बिल्डिंग में चारो तरफ भरने लगा। जब आग लगी, उस समय संस्थान में 145 मरीज भर्ती थे। दीक्षा ने बिना समय गंवाएं सीसीयू में भर्ती मरीजों को अंदर से बाहर निकालना शुरू कर दिया। सबसे पहले दानिश नाम के मरीज को बाहर निकाला गया। वह पेस मेकर लगवाने के लिए भर्ती हुआ था।