कानपुर,अमन यात्रा । ताइक्वांडो में देश-दुनिया के प्रमुख खिलाड़ियों में शुमार रामगोपाल बाजपेयी 74 वर्ष की उम्र में पहाड़ सा लक्ष्य लेकर अपनी उड़ान भर रहे हैं। जिस उम्र में लोग चलने-फिरने के लिए दूसरों का सहारा लेने को मजबूर हो जाते हैं। उस उम्र में दिग्गज खिलाड़ी ने वर्ल्ड ताइक्वांडो पूमसे चैंपियनशिप में दसवां स्थान लाकर ख्याति हासिल की। दर्जनों बार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर छाप छोड़ने वाले रामगोपाल बाजपेयी अब एशियन और वर्ल्ड ताइक्वांडो पूमसे में पदक जीत ने के लिए जुटे हैं।

नौबस्ता के बंसत विहार में रहने वाले रामगोपाल वर्ष 2007 में उपमंडल अभियंता टेलीफोन विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वे ताइक्वांडो की पूमसे विद्या के दिग्गज खिलाड़ियों में ताइक्वांडो की कला कौशल और तेजी के लिए जाने जाते हैं। हाल में देश के पहले खिलाड़ी बने रामगोपाल 65 से अधिक आयुवर्ग में हुए ऑनलाइन वर्ल्ड पूमसे ताइक्वांडो के सेमीफाइनल तक पहुंच चुके हैं। रामगोपाल बतातें हैं कि वर्ल्ड पूमसे में वे दशमलव अंक से फाइनल में पहुंचने से चूक गए थे। अगली बार और बेहतर तैयारी संग खिताब जीतने की लक्ष्य लेकर तैयारी कर रहा हूं।

उम्र को शिकस्त देता दिग्गज खिलाड़ी का हौसला

दर्जनों राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में सराहनीय प्रदर्शन करने वाले रामगोपाल बाजपेयी वर्ष 2016 व 2017 में नेशनल का स्वर्ण व दक्षिण काेरिया में हुई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में विशेष पदक झटक चुके हैं। वर्ष 2018 में वियतनाम में हुई एशियन में कांस्य व महाराष्ट्र नेशनल में स्वर्ण जीत चुके हैं।

पूमसे व क्योरूगी ताइक्वांडो की प्रमुख विद्या

ताइक्वांडो खेल में पूमसे और क्योरूगी दो प्रमुख स्पर्धाएं हैं। पूमसे में खिलाड़ियों को कलात्मक काैशल दिखाना होता है। जबकि क्योरूगी में दो खिलाड़ियों के बीच मुकाबला होता है।