लखनऊ, अमन यात्रा । कई दिनों से चल रही तमाम अटकलों को विराम देते हुए भाजपा नेतृत्व ने तय कर लिया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। नई दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में दो दिन चली मैराथन बैठक में इस पर सहमति बन चुकी है। अब केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद औपचारिक घोषणा होना बाकी है। भाजपा ने संघर्षपूर्ण नजर आ रहे इस चुनाव में निर्माणाधीन राम मंदिर और योगी के सहारे हि‍ंदुत्व का रंग गाढ़ा कर प्रदेशभर में भगवा लहर चलाने की तैयारी कर ली है।

विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी तय करने के लिए भाजपा प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व की बैठक दो दिन से दिल्ली में चल रही है। पार्टी के रणनीतिकार कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव ङ्क्षसह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने एक-एक सीट और दावेदारों के नाम पर चर्चा की। मंगलवार को तीन चरणों में शामिल 170 सीटों पर चर्चा की गई, जबकि बुधवार को वीआइपी नेताओं को चुनाव लड़ाने की रणनीति पर भी मंथन हुआ। सूत्रों ने बताया कि नेतृत्व ने तय किया है कि सीएम योगी अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही अन्य बड़े नेताओं की सीटों पर भी सहमति बन गई है। संभावना है कि गुरुवार को प्रस्तावित केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में इस निर्णय पर अंतिम मुहर लगने के बाद योगी की सीट सहित अन्य प्रत्याशियों की घोषणा पार्टी की ओर से की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पहले ही कई बार कह चुके हैं कि वह इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सीट पार्टी तय करेगी। अटकलें लगाई जा रही थीं वह अपने गृह जनपद गोरखपुर, अयोध्या या मथुरा से चुनाव लड़ सकते हैं। पिछले कुछ दिन से मथुरा इसलिए भी चर्चा में था, क्योंकि पार्टी के कुछ नेताओं की तरफ से इच्छा जता दी गई कि योगी मथुरा से चुनाव लड़ें। इसके अलावा ‘अयोध्या के बाद मथुरा की तैयारी है…’ जैसे नारे भाजपा के चुनाव प्रचार में शामिल हैं। रणनीतिक तर्क दिया जा रहा था कि योगी मथुरा से लड़ेंगे तो चुनौतीपूर्ण माने जा रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वह सीधा असर डाल सकेंगे। मगर, अब जिस तरह से मुख्यमंत्री को अयोध्या से लड़ाए जाने का निर्णय हुआ है, उससे भी भाजपा ने अपनी रणनीति का स्पष्ट संकेत दे दिया है। दरअसल, रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के साथ ही योगी सरकार अयोध्या के चहुंमुखी विकास में जुट गई। वहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण सहित कई विकास परियोजनाएं चल रही हैं। वहां से ङ्क्षहदुत्व के साथ ही विकास के माडल का भी उदाहरण योगी प्रस्तुत कर सकेंगे।

ये 80 बनाम 20 की रणनीति पर कदम : पिछले दिनों सीएम योगी ने दो टूक कहा कि यह चुनाव 80 बनाम 20 प्रतिशत का है। इसका मतलब 80 प्रतिशत हि‍ंदू बनाम 20 प्रतिशत मुस्लिम। देशभर में प्रखर हि‍ंदूवादी नेता के रूप में भाजपा के स्टार प्रचारक बनकर जाने वाले योगी ही नहीं, पार्टी के लगभग सभी नेता चुनाव प्रचार में न सिर्फ अपनी सरकार के कार्यकाल में राम मंदिर निर्माण की बात कहते हैं, बल्कि अयोध्या में कारसेवकों पर तत्कालीन सपा सरकार द्वारा चलवाई गई गोलियों की याद भी दिलाते हैं। अब अवधपुरी से योगी के चुनाव मैदान में उतरने से राम मंदिर प्रदेशभर के लिए चुनाव के केंद्र में आ सकता है।

पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे पांच बार के सांसद : गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे सीएम योगी पहली बार विधानसभा चुनाव लडऩे जा रहे हैं। वर्ष 2017 में जब भाजपा की प्रचंड बहुमत से जीत हुई, तब वह मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं थे। पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने के बाद विधान परिषद सदस्य के रूप में सदन भेजा। इस बार चुनाव उन्हीं के चेहरे पर लड़ा जा रहा है।