लखनऊ,अमन यात्रा  । माहौल उसी तरह से दिखेगा, जैसा चुनावी नुक्कड़ सभाओं में दिखता है। नेता जी मंच से भाषण दे रहे होंगे, गले में माला होगी और जनता उन्हें सुन रही होगी। बस, अंतर इतना होगा कि सब कुछ मोबाइल नंबर पर ही होगा। चुनाव को लेकर कोरोना नियमों के चलते संभावित उम्मीदवारों ने आनलाइन सभा का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। चुनावी कार्यालय को डिजिटल बनाने की तैयारी चल रही है।

वैसे तो अभी तक विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से कार्यकर्ताओं के ही मोबाइल नंबर जुटाए जाते थे, लेकिन अब मतदाताओं के नंबर भी जुटाए जा रहे हैं। यह रणनीति बन रही है कि एक नुक्कड़ सभा में कम से कम तीन से चार हजार मतदाताओं को जोड़ा जाए। भाजपा के एक मौजूदा विधायक ने अपने कार्यकर्ताओं को इस काम में लगा दिया है, जो घर-घर जाकर मतदाताओं के मोबाइल नंबर जुटा रहे हैं। मंगलवार को बैठक कर कहा गया कि अधिक से अधिक मतदाताओं के मोबाइल नंबर इस हिसाब से सूचीबद्ध किए जाएं, जिससे जिस इलाके की नुक्कड़ सभा हो, वहां के ही निवासी उसमें शामिल हो सकें। संभावित उम्मीदवार घर और कार्यालय में मंच भी तैयार कर रहे हैं, जिसमें माइक का भी इंतजाम हैं। सभा के दौरान कराए गए विकास के साथ ही पार्टी की नीतियों का वीडियो भी मतदाताओं को दिखाया जाएगा, जिससे माहौल बन सके।

मतदाताओं के नंबर पाना आसान नहीं: हर दल मतदाताओं के मोबाइल नंबर जुटा रहा है और हर किसी को नंबर देते-देते मतदाता भी परेशान हो गए हैं। संभावित उम्मीदवार इसलिए यह तैयारी कर रहे हैं, जिससे अगर टिकट मिल गया तो कम समय में मोबाइल नंबर एकत्र करना आसान नहीं होगा। कार्यकर्ता भी कह रहे हैं कि ढाई से तीन लाख मतदाताओं के मोबाइल नंबर जुटाना आसान नहीं है। सरोजनीनगर और बक्शी का तालाब विधानसभा सीट पर तो पांच लाख से अधिक मतदाता हैं।