प्राथमिक कारिडोर को शुरू करने के बाद मेट्रो का पूरा ध्यान अब बाकी कारिडोर को 2024 में एक साथ शुरू करने पर है। एक-एक कर कारिडोर एक के सभी टेंडर हो गए हैं। दूसरे अंडरग्राउंड सेक्शन के वित्तीय टेंडर भी हो चुके हैं और अब टेक्निकल बिड की जांच हो रही है। दो वर्ष से ज्यादा समय से कार्य के बाद भी मेट्रो को अभी तक अपने अंडरग्राउंड सेक्शन का जो प्रवेश द्वार होगा, उसकी जमीन लेने की इजाजत नहीं मिली है। पिछले माह जब मेट्रो के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कानपुर आ रहे थे, उससे पहले बीआइसी के अधिकारियों ने भी इस जमीन को लेकर तेजी दिखाई थी लेकिन अभी तक हो कुछ नहीं पाया। बीआइसी के अधिकारी अब इस कार्य के ना हो पाने पर यही कह रहे हैं कि प्रकरण मंत्रालय स्तर पर है, वहीं से किसी भी दिन आदेश जारी हो जाएगा। दूसरी ओर मेट्रो के अधिकारी मायूस हैं, वे काम तो हर स्तर पर आगे शुरू करते जा रहे हैं, लेकिन बृजेंद्र स्वरूप पार्क के पालिका स्टेडियम में रुका एलीवेटेड का कार्य बता रहा है कि मेट्रो कागजों में चाहे आइआइटी से नौबस्ता तक एक दिखाई दे रही हो लेकिन फिलहाल ये दो हिस्सों में बंटी हुई है।