नयी दिल्ली : रोना उतनी बुरी बात भी नहीं है, जितना की इसे हमारे समाज में माना जाता है. रोने को कमजोरी की निशानी मान लिया गया है जबकि यह अपनी भावनाओं को प्रेक्षित करने का एक माध्यम है जो लोग भावुक होते हैं, आमतौर पर वे दिल के बिल्कुल साफ होते हैं और जब किसी से लड़ाई का समय आता है, तब वे बहस करने की बजाय, अपनी बात थोपने की जगह अपने आंसू पोंछते नजर आते हैं. ऐसा कायरता के कारण नहीं होता बल्कि भावनाओं के कारण होता है. खैर, ये एक अलग विषय है. हम बात कर रहे हैं कभी-कभी रोने के उन फायदों के बारे में जो आपको तुरंत अनुभव होते हैं. यदि आपने कभी गौर नहीं किया हो तो इस बार जब भी रोना आए तो इन बातों पर ध्यान अवश्य देना…
Note : इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, अमन यात्रा इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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