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नई किताबें आनी शुरू हो गई हुजूर, फटी-पुरानी किताबों से पढ़ने को बच्चे थे मजबूर

टीचर से लेकर नौनिहालों तक को पता नहीं है कि छात्र-छात्राओं के हाथ में पढने के लिए किताबें कब आएंगी लेकिन हमारे पत्रकार ने इसकी विभाग से जानकारी जुटाई। लंबे समय से पुस्तक की प्रतीक्षा कर रहे परिषदीय स्कूलों के छात्रों और अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। अब बच्चों का भविष्य पुस्तक के आभाव में खराब नहीं होगा।

कानपुर देहात,अमन यात्रा  :  टीचर से लेकर नौनिहालों तक को पता नहीं है कि छात्र-छात्राओं के हाथ में पढने के लिए किताबें कब आएंगी लेकिन हमारे पत्रकार ने इसकी विभाग से जानकारी जुटाई। लंबे समय से पुस्तक की प्रतीक्षा कर रहे परिषदीय स्कूलों के छात्रों और अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। अब बच्चों का भविष्य पुस्तक के आभाव में खराब नहीं होगा। उम्मीद है कि जुलाई माह के अंत तक सभी बच्चों को पुस्तक मिल जाएगी। पुस्तक की पहली खेप जिला मुख्यालय पहुंच गयी गयी है। इस पुस्तकों को सभी विकासखंडों के बीआरसी में भेजने की तैयारी हो रही है। विभाग का दावा है कि अगली खेप जल्द ही आएगी। जैसे जैसे किताबें आएंगी बच्चों को उपलब्ध करा दी जाएंगी।

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बता दें कि परिषदीय स्कूलों का नया सत्र अप्रैल से शुरू हो गया है लेकिन तीन माह बाद भी अब तक बच्चों को पुस्तकें नहीं मिली हैं। बच्चे बिना किताब के ही स्कूल जा रहे हैं। कुछ बच्चों के पास फटी पुरानी पुस्तकें है जिससे उनका काम चल जा रहा है लेकिन बाकी के बच्चे पढ़ाई के नाम पर सिर्फ मिड-डे-मील के लिए विद्यालय पहुंच रहे हैं। बच्चे किताब न होने से स्कूलों में पहुंचकर खेल कर घर लौट जा रहे हैं। बच्चों को पुस्तक न मिलने से अभिभावक भी परेशान हैं।

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बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडे ने बताया कि स्कूलों में निशुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण के लिए पुस्तकें आनी शुरू हो गई हैं। कक्षा 1 से 3 तक की सभी विषय की पुस्तकें आ गई है। सत्यापन का काम जारी है। सत्यापन के बाद सभी बीआरसी में इन्हें भेजा जाएगा फिर वहां से पुस्तकें स्कूल पर भेजकर वितरित कराई जाएगी। हमें उम्मीद है कि जुलाई माह में सारी पुस्तकें आ जायेंगी और उनका वितरण भी करा दिया जाएगा ताकि पठन-पाठन में किसी तरह की कोई भी परेशानी न हो।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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