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फर्जी आधार कार्ड का उपयोग कर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वालों की अब खैर नहीं
अब एक मोबाइल एप से पता किया जाएगा कि आधार कार्ड असली है या नकली। फर्जी आधार कार्ड के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने और जालसाजों को दबोचने के लिए इस एप का इस्तेमाल पुलिस ने शुरू कर दिया है।

- अब एप बताएगा आधार असली है या नकली
- यूआईडीएआई के मोबाइल एप का पुलिस ने शुरू किया इस्तेमाल
कानपुर देहात, अमन यात्रा : अब एक मोबाइल एप से पता किया जाएगा कि आधार कार्ड असली है या नकली। फर्जी आधार कार्ड के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने और जालसाजों को दबोचने के लिए इस एप का इस्तेमाल पुलिस ने शुरू कर दिया है। पुलिस कर्मियों को इस एप की ट्रेनिंग देने के निर्देश डीजीपी ने दिए हैं। डीजीपी की ओर से इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि इस एप को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की ओर से विकसित किया गया है जो आधार कार्ड पर दर्ज क्यूआर कोड को स्कैन करेगा।
डीजीपी ने कहा है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में कूटरचित फर्जी आधार कार्ड का प्रयोग करके अपराधी हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों, होटलों में प्रवेश के समय अपनी पहचान छुपाते हैं। ऐसे में आधार क्यूआर कोड स्कैनर नाम का एप विकसित किया गया है। इस एप से आधार कार्ड का बार कोड स्कैन करते ही संबंधित एप पर सारी जानकारी दिखने लगती है।
इस एप को हर थाने स्तर पर पुलिस कर्मी डाउनलोड करेंगे ताकि अवांछित तत्वों पर नजर रखी जा सके। इसके लिए जिलों की पुलिस लाइन में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। सभी होटल, धर्मशाला, मुसाफिरखाना, क्लब, स्टेडियम, अस्पताल और ट्रेवेल एजेंसियों के संचालकों को भी आधार क्यूआर कोड स्कैनर का प्रयोग करना सिखाया जाएगा ताकि असली और नकली कार्ड की पहचान हो सके।
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